Edited By ,Updated: 04 May, 2015 01:46 PM
सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों बैंक आफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया व इलाहाबाद बैंक ने सरकार से लाभांश भुगतान से छूट मांगी है।
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों बैंक आफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया व इलाहाबाद बैंक ने सरकार से लाभांश भुगतान से छूट मांगी है। इसके लिए बैंकों ने गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के लिए ऊंचे प्रावधान का हवाला दिया है। वित्त मंत्रालय ने हाल में कहा है कि ये बैंक अपने मुनाफे को लाभांश के रूप में वितरित करने के बजाय कारोबार में ही लगाना चाहते हैं ताकि बैंक की पूंजी पर्याप्तता में सुधार लाया जा सके। इन बैंकों को बाजार से पूंजी जुटाने के लिए अनुकूल माहौल नहीं मिल पा रहा।
तीनों बैंकों ने एनपीए के लिए ऊंचे प्रावधान की वजह से मुनाफे में आई कमी के मद्देनजर लाभांश भुगतान से छूट मांगी है। बजट अनुमान 2015-16 के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों व बैंकों से लाभांश व मुनाफा 1,00,651 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 88,781 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2014-15 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने पात्र संस्थागत नियोजन के जरिए 1,386 करोड़ रुपए जुटाने की योजना चालू वित्त वर्ष के लिए टाल दी थी। देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सूचीबद्ध बैंकों की संख्या 24 है। तीनों बैंक 2014-15 के अपने सालाना नतीजों की घोषणा आने वाले दिनों में करेंगे।