Edited By ,Updated: 12 May, 2015 01:39 PM
सरकार एमएमटीसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के जरिए दलहन आयात पर विचार कर रही है ताकि घरेलू आपूर्ति बढ़ाई जा सके और इनके बढ़ते खुदरा मूल्य पर लगाम लगाई जा सके।
नई दिल्ली: सरकार एमएमटीसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के जरिए दलहन आयात पर विचार कर रही है ताकि घरेलू आपूर्ति बढ़ाई जा सके और इनके बढ़ते खुदरा मूल्य पर लगाम लगाई जा सके।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सामान्य से कम बारिश और आस्ट्रेलिया एवं कनाडा में उत्पादन घटने की संभावनाओं के बीच उपभोक्ता मामले मंत्रालय दलहन आयात के विकल्पों पर विचार कर रहा है। भारत सालाना 1.8 से 1.9 करोड़ टन दलहन का उत्पादन करता है लेकिन उसे घरेलू मांग पूरी करने के लिए हर साल 30 - 40 लाख टन दलहन आयात भी करना पड़ता है। पिछले दो साल में दलहन आयात मुख्य तौर पर निजी व्यापारियों के जरिए हुआ है।
खुदरा बाजार में दलहन की कीमत बढ़ी है। राष्ट्रीय राजधानी में फिलहाल तुअर (अरहर) की कीमत 108 रुपए प्रति किलो है जो आठ जनवरी 2015 को 83 रपए किलो थी। इसी तरह चने की दाल का दाम बढ़कर 68 रुपए प्रति किलो हो गया जबकि मसूर की दाल 94 रुपए किलो हो गई जो समीक्षाधीन अवधि में 84 रपए किलो थी। मूंग की दाल की कीमत अब 107 रुपए किलो है जो आठ जनवरी को 98 रुपए थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ‘‘हम कीमत पर निगाह रखे हुए हैं और आयात के लिए हम योजना बना रहे हैं। हम यह पहल इसलिए कर रहे हैं कि कनाडा और आस्ट्रेलिया में संभावित उत्पादन घटने और वैश्विक मूल्य पर इसके असर की खबरें हैं।’’