अनुच्छेद 370ः केन्द्र के हाथों में आएगा जे. एंड के. बैंक

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Aug, 2019 11:42 AM

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जैसे ही देश का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव पास हुआ, वैसे ही कश्मीर में बदलाव की बयार शुरू हो गई। कोई वहां पर घर बनाने की बात कर रहा है तो कोई वहां के विकास की। अब जो कश्मीर में बड़ा और अहम बदलाव होने जा रहा है

नई दिल्ली: जैसे ही देश का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव पास हुआ, वैसे ही कश्मीर में बदलाव की बयार शुरू हो गई। कोई वहां पर घर बनाने की बात कर रहा है तो कोई वहां के विकास की। अब जो कश्मीर में बड़ा और अहम बदलाव होने जा रहा है वह है वहां के जम्मू एंड कश्मीर (जे. एंड के.) बैंक में। इस आदेश के बाद अब यह बैंक राज्य सरकार के अधीन न होकर केन्द्र सरकार के अधीन हो जाएगा। बैंक की मैनेजमैंट में बड़े बदलाव की तैयारी है। इस बैंक पर वित्त मंत्रालय का अधिकार हो जाएगा।

केन्द्र के पास जाएगी 60% हिस्सेदारी 
जम्मू एंड कश्मीर बैंक में राज्य की हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है। अब से पूरी हिस्सेदारी केन्द्र सरकार के पास ट्रांसफर होगी। इस फैसले के बाद बैंक की सभी रिक्तियों पर अधिकार केन्द्र सरकार का होगा। अब केन्द्र ही बैंक के एम.डी. और मैनेजमैंट लैवल पर बड़े बदलाव कर सकता है। वहीं दूसरी ओर बैंक की वित्तीय स्थिति भी सुधरेगी।

देशभर में हैं इतनी ब्रांचें
अगर बात बैंक की स्थापना की करें तो 1938 में जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने इसकी स्थापना की थी। 1976 में बैंक को रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने ए क्लास कैटेगरी में रखा। देश की आजादी के बाद बैंक ने काफी मुश्किलों का सामना किया। इसका कारण था कि उस समय बैंक की 10 ब्रांचों में से 2-2 ब्रांचें पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद, रावलकोट और मीरपुर में चली गई थीं। उस समय उनमें रखा रुपया भी वहीं का ही होकर रह गया था। मौजूदा समय की बात करें तो मार्च 2019 में बैंक की देशभर में 935 ब्रांचें, 1287 ए.टी.एम्ज और 25 कैश डिपोजिशन मशीनें संचालित हैं।

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