Edited By ,Updated: 28 Jun, 2015 11:59 AM
विदेशी निवेशकों ने इस महीने भारतीय शेयर बाजारों से 2,500 करोड़ रुपए निकाले। एेसा एशियाई बाजारों से बेहतर मुनाफा मिलने और यूनान के संकट के मद्देनजर हुआ।
नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों ने इस महीने भारतीय शेयर बाजारों से 2,500 करोड़ रुपए निकाले। एेसा एशियाई बाजारों से बेहतर मुनाफा मिलने और यूनान के संकट के मद्देनजर हुआ। वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफ.पी.आई.) ने इसी अवधि में ऋण बाजार में 2,300 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
डिपाजिटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक एफ.पी.आई. ने 1-26 जून के दौरान कुल 1,03,532 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे जबकि उन्होंने 1,06,088 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इस तरह कुल निकासी 2,556 करोड़ रुपए रही। जियोजित बीएनपी पारिबा इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा "एफ.पी.आई. घरेलू पूंजी बाजार से धन निकाल रहे हैं क्योंकि चीन भारत से ज्यादा आकर्षक बाजार नजर आ रहा है। चीन ने 50 प्रतिशत मुनाफा दियाा है। इसके अलावा एफ.पी.आई. कार्पोरेट मुनाफे में धीमी शुरूआत के बारे में चिंतित हैं।"
इसके अलावा ऋण भुगतान की समयसीमा करीब आने से पहले ऋणदाताआें के साथ सहमति नहीं बनने से भी रुझान प्रभावित हुआ है। बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी आनंद शाह ने कहा "एफ.पी.आई. के भारतीय शेयर बाजार से बाहर निकलने के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है। मध्यम से दीर्घकाल में भारत निवेश के लिए आकर्षक स्थान है। जब यूनान और अमरीकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने का मुद्दा सुलझ जाने पर एफ.पी.आई. हमारे बाजारों में निवेश करने लगेंगे।" जनवरी से अप्रैल के दौरान एफ.पी.आई. का निवेश कुल 94,241 करोड़ रुपए रहा लेकिन मासिक विश्लेषण के मुताबिक कोष प्रवाह में गिरावट का रुझान रहा।