8-10 फीसदी की वृद्धि, गरीबी उन्मूलन उपायों की जरूरत: जेतली

Edited By ,Updated: 05 Jul, 2015 03:48 PM

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वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व भूमि अधिग्रहण विधेयकों को पारित किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज कहा

नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व भूमि अधिग्रहण विधेयकों को पारित किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज कहा कि देश में गरीबी उन्मूलन के लिए नीतिगत सुधार व सालाना 8-10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर जरूरी है।

संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों की आेर से व्यवधान की धमकियों के बीच जेतली ने कहा कि सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना से संदेश साफ है, "वृद्धि व आर्थिक सुधार गरीबों के लिए उसी तरह मददगार हैं, जैसे कि उनको लक्ष्य कर के बनाई गई योजनाएं।" 

पिछले शुक्रवार को जारी किए गए सामाजिक आर्थिक एवं जति जनगणना-2011 के आंकड़ों से ग्रामीण भारत में विपन्नता का प्रसार सामने आया है जहां हर तीसरा परिवार भूमिहीन है और वह जीवनापन के लिए अस्थायी मेहनत मजदूरी पर निर्भर करता है।

जेतली ने कहा कि इस स्थिति में सुधार उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।   वित्त मंत्री ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है, ''वृद्धि या पुन:वितरण। नीतिगत सुधार या गरीबी उन्मूलन की लक्षित योजनाएं। हमारा मानना है कि इनमें किसी एक को चुनाना गलत है। दोनों जरूरी हैं।" उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए 8-10 प्रतिशत की वृद्धि जरूरी है। जिससे सभी भारतीयों के लिए रोजगार के अच्छे अवसर पैदा हो सकें। यही वजह है कि सरकार निवेश को प्रोत्साहन दे रही है। 

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