Edited By ,Updated: 28 Jul, 2015 05:17 PM
भारतीय रिजर्व बैंक अगले सप्ताह होने वाली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर को 7.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रख सकता है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक अगले सप्ताह होने वाली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर को 7.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रख सकता है। यह बात डी.बी.एस. की एक रिपोर्ट में कही गई है।
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी, डी.बी.एस. के मुतािबक बाजार पर असर के अलावा केंद्र्रीय बैंक अपनी दर सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रझान पर भी गौर करेगा। डी.बी.एस. ने आज जारी एक शोध पत्र में कहा, "रिजर्व बैंक अगले सप्ताह 4 अगस्त को बैठक करेगा और हमें उम्मीद है कि जनवरी 2015 से अब तक कुल 0.75 प्रतिशत की कटौती के बाद रेपो दर को 7.25 प्रतिशत पर स्थिर रख सकता है।"
रिपोर्ट में कहा गया कि यदि आधिकारिक टिप्पणी से इस साल आखिर में अमरीकी ब्याज दरों में बढ़ौतरी का संकेत मिलता है तो इससे इस अनुमान की पुष्टि होगी कि आर.बी.आई. लंबे समय तक नीतिगत दरों को स्थिर रख सकता है।
डी.बी.एस. के मुताबिक पी-नोट मामले के अलावा जिस अन्य घरेलू कारक का बाजार पर असर हो रहा है, वह है संसद के मानसून सत्र में कामकाज न हो पाना।
रिपोर्ट में कहा गया कि संसद सत्र का हंगामेदार होने से बाजार रुझान पर नकारात्मक असर होता है और इससे सुधार प्रक्रिया में और देरी हो सकती है। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं होने की वजह से कई महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने में समस्या आ रही है। रिजर्व बैंक ने इससे पहले 2 जून को हुई मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर में तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई। साथ ही इसमें संकेत भी दिया गया था कि निकट भविष्य में और कटौतियां शायद जल्द नहीं हों।