Edited By ,Updated: 17 Aug, 2015 10:33 AM
निजी कंपनियों की आक्रामक विपणन नीतियों के बीच कवरेज व सेवा गुणवत्ता जैसे मुद्दों के चलते बीते वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी बी.एस.एन.एल. के लगभग दो करोड़ ग्राहक टूट गए।
नई दिल्ली: निजी कंपनियों की आक्रामक विपणन नीतियों के बीच कवरेज व सेवा गुणवत्ता जैसे मुद्दों के चलते बीते वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी बी.एस.एन.एल. के लगभग दो करोड़ ग्राहक टूट गए।
दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मार्च 2014 तथा मार्च 2015 के बीच बीएसएनएल के 1.78 करोड़ वायरलेस तथा 20 लाख से अधिक लैंडलाइन ग्राहक टूट गए। वायरलेस यानी मोबाइल ग्राहकों के टूटने के कारणों के बारे में अधिकारी ने कहा कि बी.एस.एन.एल., निजी कंपनियों की आक्रामक विपणन नीतियों का मुकाबला नहीं कर पाई। इसके साथ ही मोबाइल नेटवर्क कवरेज व सेवाओं की गुणवत्ता संबंधी मुद्दे भी हैं। बी.एस.एन.एल. 2008-2012 के दौरान अपने नैटवर्क के उन्नयन में निवेश नहीं कर पाई।
अधिकारी ने कहा कि वायरलाइन (लैंडलाइन) ग्राहकों में कमी का एक सामान्य कारण तो यही है कि लोग मोबाइल अपना रहे हैं इसलिए लैंडलाइन फोनों के ग्राहक वैसे ही कम हो रहे हैं। मई 2015 के आखिर में बी.एस.एन.एल. के वायरलेस ग्राहकों की संख्या 7.76 करोड़ व बाजार हिस्सेदारी 7.96 प्रतिशत थी। वहीं कंपनी का वायरलाइन आधार 1.60 करोड़ व बाजार भागीदारी 61.07 प्रतिशत रही। इस बीच, कंपनी ने अपने ग्राहक आधार बढाने के लिए कई कदम उठाए हैं। कंपनी नैटवर्क विस्तार तथा सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने में निवेश कर रही है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए भी वह कई कदम उठा रही है।