Edited By ,Updated: 03 Sep, 2015 04:04 PM
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाता खोलने के मामले में प्राइवेट बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से काफी पीछे हैं।
मुंबई: प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाता खोलने के मामले में प्राइवेट बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से काफी पीछे हैं। बैंकरों का कहना है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत ओवरड्राफ्ट सुविधा के निकासी बहुत कम है। खातों में पर्याप्त धन न होने और खातेदारों की ओर से जमा व निकासी सुस्त होने बैंक ओवरड्राफ्ट सुविधा देने से बच रहे हैं। इस जनधन योजना के तहत खुले खातों के खाताधारकों को बैंक 5000 रुपए तक अतिरिक्त निकासी की सुविधा दे सकते हैं।
बहरहाल बैंकों को यह छूट है कि वे किन उपभोक्ताओं को यह सुविधा देते हैं। इसके लिए कुछ बुनियादी दायरे तय किए गए हैं। सरकारी अधिसूचना के मुताबिक खाता कम से कम 6 महीने से चालू रहना चाहिए, आवेदक की उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए और खाता आधार से जुड़ा होना चाहिए।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक अधिकारी ने कहा, 'एक महीने में कम से कम कुछ जमा व निकासी होनी चाहिए, जिससे पता चल सके कि ग्राहक के आय का स्त्रोत है और उसकी बैंकिंग की आदत है।' वहीं निजी क्षेत्र के एक बैंंक के अधिकारी ने कहा कि जब जनधन खाते खोले गए तो उपभोक्ताओं के बीच यह भ्रम हो गया कि उन्हें पैसे वापस नहीं करने पड़ेंगे। पीएमजेडीवाई की वेबसाइट के मुताबिक 26 अगस्त तक कुल 17.89 लाख खाते इस योजना के तहत खोले गए हैं, लेकिन इन खातों में से करीब 45 प्रतिशत निष्क्रिय हैं।