Edited By ,Updated: 23 Sep, 2015 05:14 PM
इस बार फेस्टिव सीजन में कस्टमर्स को अपैरल,शूज, इलैक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल्स जैसी प्रॉडक्ट कैटिगरीज में भारी डिस्काऊंट मिलना मुश्किल है
कोलकाताः इस बार फेस्टिव सीजन में कस्टमर्स को अपैरल,शूज, इलैक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल्स जैसी प्रॉडक्ट कैटिगरीज में भारी डिस्काऊंट मिलना मुश्किल है, क्योंकि ई-कॉमर्स कंपनियां अपने मार्जिन को बचाना चाहती हैं। हालांकि इन्हीं कंपनियों ने शुरूआत में मार्कीट शेयर और ट्रैफिक हासिल करने के लिए बड़े डिस्काऊंट का दांव खेला था।
देश की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील के सीनियर एग्जिक्युटिव्स ने एप्पल, सोनी, सैमसंग, प्यूमा जैसे ब्रैंड को बताया है कि वे उनके प्रॉडक्ट्स पर ललचाने वाली डील्स ऑफर नहीं करेंगी क्योंकि इस तरह की डील्स से उनकी सेल्स भले ही बढ़ जाती है लेकिन मार्जिन का बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
एक प्रमुख जापानी कन्जयूमर इलैक्ट्रॉनिक्स ब्रैंड के सेल्स हेड ने कहा, "यह शायद पहली बार है कि जब ई-कॉमर्स सेक्टर की बड़ी कंपनियां मार्जिन और प्रॉफिटेबिलिटी की बात कर रही है। उन्होंने बताया कि वे बड़े ब्रैंड्स पर भारी डिस्काऊंट नहीं देंगी क्योंकि वे इस साल ई-कॉमर्स की सेल्स दोगुनी होने के अनुमान के साथ अच्छा प्रॉफिट मार्जिन कमाना चाहती है।"
फेस्टिव सीजन की शुरूआत पूर्वी भारत में दुर्गा पूजा के साथ होगी और यह दिवाली तक चलता है। इस दौरान करवा चौथ व भाई दूज जैसे त्यौहार भी आते हैं। इस सीजन में कन्जयूमर काफी खर्च करते हैं और बड़े ब्रैंड्स की सेल्स में इसके कम से कम एक तिहाई हिस्सेदारी होती है।
बड़े ब्रैंड्स पर फेस्टिव सीजन के दौरान ऑनलाइन डिस्काऊंट 5-15 फीसदी तक सीमित रहेगा। हालांकि ऑनलाइन एक्सक्लूसिव ब्रैंड्स और प्राइवेट लेबल्स पर ज्यादा डिस्काऊंट देने के बाद भी इन पर अच्छा मार्जिन मिलता है।
इंटस्ट्री का अनुमान है कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्यौहारों के दौरान मार्कीटिंग और डिस्काऊंट देने पर 2000 करोड़ रुपए खर्च करेंगी। इस बारे में फ्लिपकार्ट ने कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। अमेजॉन इंडिया को भेजी गई ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला। ऑनलाइन कंपनियों का कहना है कि भारी डिस्काऊंट न देने पर भी उनकी सेल्स पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वेंडर्स और प्रॉडक्ट कैटिगरीज की संख्या अधिक काफी अधिक होगी।