Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Nov, 2018 04:24 PM
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का सभी बैंकिंग सेवाओं के एकल सामधान मंच योनो की कार्यप्रणाली आधार सत्यापन पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद से प्रभावित है। बैंक ने इसके मद्देनजर वैकल्पिक
नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का सभी बैंकिंग सेवाओं के एकल सामधान मंच योनो की कार्यप्रणाली आधार सत्यापन पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद से प्रभावित है। बैंक ने इसके मद्देनजर वैकल्पिक समाधान को लेकर रिजर्व बैंक से स्पष्टीकरण की मांग की है।
उच्चतम न्यायालय ने 26 सितंबर को एक आदेश में कहा था कि बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता या बैंक खाता खोलने के लिए 12 अंकों वाली विशिष्ट आधार संख्या को जोडऩा अनिवार्य नहीं है। उसके बाद से एसबीआई ने ‘यू ओनली नीड वन (योनो)’ के जरिये बिना दस्तावेजों के खाता खोलने की सुविधा को तात्कालिक तौर पर बंद कर दिया है। उपभोक्ताओं को अब खाता खुलवाने के लिये बैंक शाखा जाना पड़ रहा है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी ई-केवाईसी की स्वीकृति नहीं है, अत: हम रिजर्व बैंक से कुछ स्पष्टीकरण चाहते हैं। हमने इस बारे में नियामक से चर्चा की है। जब स्पष्टीकरण आ जाएगा, हम इसे (आधार के जरिए ई-केवाईसी) शुरू कर सकते हैं।’’ बैंक ने नवंबर 2017 में योनो की शुरूआत की थी। उसके बाद से योनो के जरिए 25 लाख से अधिक उपभोक्ता एसबीआई से जुड़ चुके हैं। बैंक ने अगले दो साल में योनो के जरिए उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाकर 25 करोड़ करने का लक्ष्य तय किया है।