Edited By ,Updated: 25 Oct, 2016 06:00 PM
तेजी से बदले घटनाक्रम में कल साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटा दिया गया। उनके स्थान पर फिर से रतन टाटा को समूह की बागडोर पकड़ा दी गई है।
नई दिल्ली: तेजी से बदले घटनाक्रम में कल साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटा दिया गया। उनके स्थान पर फिर से रतन टाटा को समूह की बागडोर पकड़ा दी गई है। साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से अचानक हटाए जाने के एक दिन बाद शापूरजी पलोंजी ने कहा है कि वह ‘‘विभिन्न परिस्थितियों’’ को लेकर अध्ययन कर रहे हैं और फिलहाल इस फैसले के खिलाफ कानूनी कारवाई के बारे में उनका कोई विचार नहीं है।
गौरतलब है कि शापूरजी पालोनजी ग्रुप की टाटा में 18 फीसदी हिस्सेदारी है, यह एकलौता सबसे बड़ा शेयरधारक है। साइरस मिस्त्री बोर्ड में उसी के नुमाइंदे हैं। टाटा संस, टाटा समूह की कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है। शापूरजी ने कहा कि वह जो भी रास्ता अपनाएंगे और जब भी जरूरी होगा इस बारे में वक्तव्य जारी किया जाएगा।
भवन निर्माण क्षेत्र की इस कंपनी ने ई-मेल से भेजे वक्तव्य में कहा है, ‘‘न तो शापूरजी पलोंजी समूह और न ही साइरस मिस्त्री ने अभी कोई स्पष्टीकरन दिया है। परिस्थितियों की समीक्षा की जा रही है। मीडिया में कानूनी कारवाई को लेकर चल रही अटकलों का फिलहाल मौजूदा स्थिति में कोई आधार नहीं है। सही समय आने पर मीडिया में बयान देंगे।’’ इस घटनाक्रम से टाटा संस के एकमात्र सबसे बड़े शेयरधारक और समूह के संस्थापक परिवार के बीच विवाद की आशंका व्यक्त की जा रही है।