Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Sep, 2020 04:28 PM
ऑटो उद्योग के संगठन सियाम ने शुक्रवार को कहा कि विनिर्माता आगामी सरकारी विनियमों को लागू करने के लिए निवेश करने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि उद्योग बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है।
नई दिल्ली: ऑटो उद्योग के संगठन सियाम ने शुक्रवार को कहा कि विनिर्माता आगामी सरकारी विनियमों को लागू करने के लिए निवेश करने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि उद्योग बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने यह भी कहा कि ऑटोमोटिव मिशन योजना 2026 (एएमपी 2026) के तहत तय लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने यहां संगठन के वार्षिक अधिवेशन में कहा कि आगामी विनियमों को लागू करने के लिए काफी निवेश करना है और उपभोक्ता मांग में कमी के कारण उद्योग को आमदनी नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि इसलिए 2022 के बाद कॉरपोरेट औसत ईंधन दक्षता (सीएएफई) मानदंडों जैसे नए विनियमों को लागू करने के लिए उद्योग के पास निवेश करने की क्षमता नहीं है। वढेरा ने यह भी कहा कि विनियमों की अधिकता नहीं होनी चाहिए क्योंकि भारत के उत्सर्जन मानक पहले ही दुनिया में सबसे सख्त हैं। उन्होंने कहा कि एएमपी 2026 में सूचीबद्ध लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उद्योग को मांग प्रोत्साहन देना जरूरी है।