ऋण के दस्तावेज नहीं लौटाने पर एक्सिस बैंक को 50.65 लाख रुपए देने का आदेश

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Sep, 2018 01:44 PM

axis bank orders to pay 50 65 lakh rupees for not returning loan documents

शीर्ष उपभोक्ता मंच ने देश के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक एक्सिस बैंक को कर्ज लेने दौरान जमा किए गए कुछ दस्तावेजों को ऋण की रकम चुकाने के बावजूद एक ग्राहक को लौटाने में विफल रहने के लिए उसे 50.65 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया।

नई दिल्लीः शीर्ष उपभोक्ता मंच ने देश के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक एक्सिस बैंक को कर्ज लेने दौरान जमा किए गए कुछ दस्तावेजों को ऋण की रकम चुकाने के बावजूद एक ग्राहक को लौटाने में विफल रहने के लिए उसे 50.65 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया। 

क्या है मामला
राजेश गुप्ता ने एक्सिस बैंक की फरीदाबाद शाखा से 67 लाख रुपए से अधिक का कर्ज लिया था। उसे वर्ष 2013 में बैंक से कर्ज मिला और उसने कर्ज का भुगतान कर दिया। हालांकि, बैंक बिल्डर क्रेता समझौता, विक्रेता द्वारा पूर्ण और अंतिम भुगतान के लिए दी गई रसीद और संपत्ति का मूल आबंटन पत्र उन्हें लौटाने में विफल रहा। बैंक ने दावा किया कि कुछ दस्तावेज उसके पास उपलब्ध हैं जिन्हें लौटा दिया गया है और शेष दस्तावेज खो गए हैं तथा वह उन कागजातों को लौटाने में सक्षम नहीं है। 

यह कहा आयोग ने
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एन.सी.डी.आर.सी.) की पीठासीन सदस्य न्यायमूॢत दीपा शर्मा ने कहा कि मामले के तथ्य साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं कि दूसरा पक्ष (एक्सिस बैंक लिमिटेड) अपने ग्राहक के प्रति दायित्वों को निभाने में विफल रहा है। इसलिए वह गुप्ता को 50 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति, मानसिक उत्पीडऩ के लिए 50,000 रुपए और मुकद्दमे के खर्च के लिए 15,000 रुपए का भुगतान 4 सप्ताह में करे। ऐसा करने में विफल रहने पर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा। आयोग ने बैंक से यह भी कहा कि वह इन सभी दस्तावेजों संबंधी गुप्ता के पक्ष में क्षतिपूर्ति बांड जारी करे।

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