Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 May, 2021 04:23 PM
भारत के सबसे बड़े दानवीर अजीम प्रेमजी की विप्रो ने मार्केट कैप में कॉग्निजेंट को पीछे छोड़ दिया है। विप्रो दुनिया की चौथी सबसे मूल्यवान आईटी सर्विसेज कंपनी बन गई है। इस वक्त दुनिया की सबसे मूल्यवान आईटी सर्विसेज कंपनी Accenture है। इसके बाद TCS और...
बिजनेस डेस्कः भारत के सबसे बड़े दानवीर अजीम प्रेमजी की विप्रो ने मार्केट कैप में कॉग्निजेंट को पीछे छोड़ दिया है। विप्रो दुनिया की चौथी सबसे मूल्यवान आईटी सर्विसेज कंपनी बन गई है। इस वक्त दुनिया की सबसे मूल्यवान आईटी सर्विसेज कंपनी Accenture है। इसके बाद TCS और इन्फोसिस का स्थान है।
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न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर विप्रो का एडीआर 2.4 फीसदी बढ़कर 7.4 डॉलर प्रति शेयर हो गया। इसकी वजह से कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 38.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं, नास्डैक पर सुबह के ट्रेड में कॉग्निजेंट का ADR 1.2% बढ़कर 71.5 डॉलर हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 37.7 अरब डॉलर रहा। हालांकि, वित्त वर्ष 2019-20 में कॉग्निजेंट का रेवेन्यु 16.5 अरब डॉलर रहा था, जो कि विप्रो के रेवेन्यु के दोगुने से भी ज्यादा था। विप्रो का रेवेन्यु 8.1 अरब डॉलर रहा था।
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नए CEO के आने के बाद से बेहतर हुआ प्रदर्शन
विप्रो में लगभग एक साल पहले नए सीईओ Thierry Delaporte ने जॉइन किया है। उनके संचालन में विप्रो के प्रदर्शन में सुधार हो रहा है। Thierry Delaporte ने बेहतर फोकस के लिए कंपनी की सर्विस लाइन्स को रिडिफाइन किया है और सीनियर मैनेजमेंट को कुछ हद तक ट्रिम किया है। Delaporte के आने के बाद से विप्रो के शेयरों में 127 फीसदी का उछाल आया है।
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कॉग्निजेंट की रफ्तार पड़ रही धीमी
सालों तक ग्रोथ दर्ज करने के बाद अब कॉग्निजेंट की रफ्तार धीमी पड़ रही है। यह स्लोडाउन पुराने सीईओ फ्रांसिस्को डिसूजा का कार्यकाल खत्म होने के बाद से शुरू हुआ और नए सीईओ ब्रायन हंफ्राइज के कार्यकाल में भी कंपनी का प्रदर्शन बेहतर नहीं हुआ है। कॉग्निजेंट पिछले दो सालों में अधिग्रहणों पर लगभग 1.5 अरब डॉलर खर्च कर चुकी है। पिछले दो सालों में कंपनी के शेयर केवल लगभग 16 फीसदी चढ़े हैं।