Edited By ,Updated: 02 May, 2016 09:55 AM
पतंजलि आयुर्वेद कंपनी का नाम लेते समय चाहे बाबा रामदेव का नाम सामने आता है, पर रामदेव इसके मालिक नहीं हैं। पतंजलि आयुर्वेद कम्पनी के असल मालिक आचार्य बालकृष्ण हैं।
नई दिल्ली: पतंजलि आयुर्वेद कंपनी का नाम लेते समय चाहे बाबा रामदेव का नाम सामने आता है, पर रामदेव इसके मालिक नहीं हैं। पतंजलि आयुर्वेद कम्पनी के असल मालिक आचार्य बालकृष्ण हैं। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार पतंजलि आयुर्वेद के 93.7 प्रतिशत शेयर बालकृष्ण के नाम हैं।
पतंजलि आयुर्वेद के ये हैं मालिक
पतंजलि आयुर्वेद में एम.डी. बालकृष्ण के शेयर 93.7 प्रतिशत हैं। वहीं सरवन व सुनिता पोद्दार 3.016-3.016, रजत प्रकाश 0.121, गोविंद अग्रवाल 0.121, राम भरत 0.015 प्रतिशत और मुक्तानंद की हिस्सेदारी 0.002 प्रतिशत है। बाबा रामदेव तो ब्रांड प्रोमोटर हैं।
विवाद से रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि का पुराना नाता
रामलीला मैदान में वर्ष 2011 में काले धन के विरोध दौरान दिल्ली पुलिस के लाठीचार्ज करने पर सफेद सलवार-सूट में देखे गए रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद का विवादों से नाता लंबा और पुराना है।
-वृंदा कारत सी.पी.आई. (एम.) नेता ने पतंजलि की दवाओं में पिसी हुई इंसानों और जानवरों की हड्डियां होने का दावा वर्ष 2006 में किया।
- दिल्ली हाईकोर्ट के होमोसैक्स को अपराध नहीं बताने वाले फैसले पर विवादित बयान दिया था रामदेव ने और इसे एक बीमारी बताया था। यह मामला वर्ष 2009 व 2011 के दौरान का है।
-बाबा की अमरीका के वर्जीनिया में जून 2011 में गैर-लाभ गतिविधियों की जांच पुलिस ने शुरू की। उन पर हैल्थकेयर प्रोडक्ट्स ऑनलाइन बेचने का आरोप था।
-बालकृष्ण पर 23 जुलाई 2011 में सी.बी.आई. ने मामला दर्ज किया था। बालकृष्ण पर शैक्षणिक दस्तावेजों में हेराफेरी, जाली पासपोर्ट और विदेशों में धन जमा करने के आरोप थे।
-यू.पी.ए. सरकार ने नवम्बर 2011 में रामदेव पर जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम और भारतीय स्टैंप कानून का उल्लंघन करने पर 81 मामले दर्ज किए।
-अक्तूबर 2013 में कॉस्मैटिक उत्पादों पर आबकारी शुल्क का भुगतान न करने के आरोप में आबकारी अधिकारियों ने कम्पनी पर छापेमारी की थी।
-जयपुर में रामदेव के दलितों पर विवादित बयान देने के खिलाफ एफ .आई.आर. दायर हुई, बाद में बाबा ने माफी मांगी। यह वाक्या वर्ष 2014 के अप्रैल माह का है।
-रामदेव के दिव्य योगा मंदिर ट्रस्ट पर 113 कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन और कर्मचारी अधिकारों के हनन का आरोप लगाया था मार्च 2015 में।
-नवम्बर 2015 में भारतीय खाद्य नियामक एफ .एस.एस.ए.आई. ने कहा कि रामदेव के नूडल ब्रांड को मंजूरी नहीं मिली है। पतंजलि ने कहा कि हम बोर्ड से ऊपर हैं और नोटिस का जवाब देंगे।