Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Dec, 2018 02:11 AM
दिल्ली हाईकोर्ट के बाबा रामदेव को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग को पतंजलि आयुर्वेद की आय की जांच करने की इजाजत दे दी है। साथ ही कोर्ट ने पतंजलि को इनकम टैक्स विभाग की जांच में सहयोग करने को कहा है।
बिजनेस डेस्कः बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को दिल्ली हाईकोर्ट ने झटका देते हुए निर्देश दिया है कि वे इनकम टैक्स विभाग की जांच में सहयोग करें। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने इनकम टैक्स विभाग के स्पेशल जांच के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई में कोई गड़बड़ी नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2010 के मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
इस वजह से दिया फैसला
आयकर विभाग ने कोर्ट के सामने तर्क रखा कि कंपनी का एक नहीं बल्कि बहुत सारे खाते हैं, जिसकी वजह से स्पेशल ऑडिट होना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी को कहां-कहां से आय होती है इसकी जानकारी केवल स्पेशल ऑडिट से ही मिल सकेगी।
खाते में हैं पेचीदगियां
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने 2010-11 के दौरान इनकम टैक्स विभाग के असेसमेंट प्रक्रिया को चुनौती दी थी। पतंजलि का कहना था कि इनकम टैक्स विभाग के असेसमेंट अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए स्पेशल जांच कर रहे हैं। इस पर इनकम टैक्स विभाग ने कोर्ट को बताया कि स्पेशल जांच की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कंपनी के खाते में पेचीदगियां हैं।
पतंजलि ने किया था विरोध
पतंजलि आयुर्वेद ने इनकम टैक्स विभाग के विशेष ऑडिट के आदेश का विरोध किया था। पतंजलि ने कर निर्धारण अधिकारी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए स्पेशल ऑडिट का सहारा ले रहा है। कोर्ट ने पतंजलि के इस तर्क को खारिज कर दिया। कर निर्धारण अधिकारी के फैसले पर सहमति जताते हुए कोर्ट ने कहा कि उसके ऐसा करने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन सभी सामान्य मामलों में स्पेशल ऑडिट के प्रावधानों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
कर निर्धारण अधिकारी के फैसले को सही ठहराया
हाईकोर्ट ने कहा कि कर निर्धारण अधिकारी जब यह महसूस करता है कि इसे दी गई सूचना पूर्ण नहीं है तो स्पेशल ऑडिट का सहारा ले सकता है। इस मामले में भी अधिकारी ने इसी अधिकार का सहारा लेते हुए स्पेशल ऑडिट के निर्देश दिए हैं, जो सही हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद की पांच साल पुरानी याचिका को खारिज करते हुए उसे इनकम टैक्स विभाग का सहयोग करने के निर्देश दिए।
पांच साल में पहली बार गिरी बिक्री
पतंजलि की बिक्री पिछले पांच साल में पहली बार गिर गई है। जीएसटी और कमजोर होते विपणन नेटवर्क की वजह से कंपनी की आय भी 2013 के बाद मार्च 2018 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में 10 फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ 8148 करोड़ रुपए रही।