जल्द शुरू होगा बैड बैंक का कामकाज, 50,000 करोड़ रुपए के एनपीए के मामले होंगे ट्रांसफर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jan, 2022 12:43 PM

bad bank work will start soon cases of npas worth rs 50 000 crore

देश के सबसे बड़े लेंडर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि प्रस्तावित बैड बैंक को परिचालन शुरू करने के लिए सभी जरूरी मंजूरियां मिल गई हैं। खारा ने कहा कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों के पास नेशनल असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लि. (एनएआरसीएल

बिजनेस डेस्कः देश के सबसे बड़े लेंडर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि प्रस्तावित बैड बैंक को परिचालन शुरू करने के लिए सभी जरूरी मंजूरियां मिल गई हैं। खारा ने कहा कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों के पास नेशनल असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लि. (एनएआरसीएल) में मेजॉरिटी स्टेक होगी, वहीं प्राइवेट बैंकों के पास इंडिया डेट रिजॉल्युशन कंपनी लि. (आईडीआरसीएल) की अहम हिस्सेदारी होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले आम बजट में बैड बैंक का ऐलान किया था। यह एंटिटी बैंकों के बहीखातों को साफ सुथरा बनाने के लिए बैड असेट्स ले लेगी। खारा ने कहा कि शुरुआती चरण में प्रस्तावित बैड बैंक में 50,000 करोड़ रुपए के लगभग 15 मामले ट्रांसफर किए जाएंगे। बैड बैंक में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए के बैड असेट ट्रांसफर के जाने का अनुमान है।

शुरुआत चिंताओं के बाद मिली मंजूरी
खारा ने कहा, “शुरुआत में कुछ चिंताएं थी, लेकिन बाद में दोनों एंटिटीज को जरूरी मंजूरी हासिल हो गईं।” खारा ने कहा, अभी तक ट्रांसफर किए जाने के लिए 83,000 करोड़ रुपए के 38 खातों की पहचान की गई है, लेकिन इनमें से कुछ का समाधान पहले ही हो चुका है। ऑपरेशन स्ट्रक्चर के तहत, एनएआरसीए बैंकों से चिह्नित एनपीए खातों का अधिग्रहण करेगी और इकट्ठा किया जाएगा, वहीं आईडीआरसीएल डेट समाधान प्रक्रिया को देखेगी।

असेट रिजॉल्युशन में आएगी तेजी
खारा ने बैड बैंक की स्थापना के साथ बैंकिंग सेक्टर में असेट रिजॉल्युशन में तेजी आने की संभावना जाहिर करते हुए कहा, “इस खास पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से संकटग्रस्त असेट्स के एग्रीगेशन, समाधान की विशेषज्ञता का फायदा मिलेगा।” खारा ने कहा, शुरुआत में बैड बैंक को 2 लाख करोड़ रुपये की असेट्स ट्रांसफर किए जाने का अनुमान था, लेकिन कुछ बड़े मामलों का समाधान हो गया।

क्यों की गई थी बैड बैंक की कल्पना
पब्लिक सेक्टर के बैंकों की बैलेंस शीट साफ करने के लिए उनकी बैड असेट्स के अधिग्रहण करने के उद्देश्य से बैड बैंक की कल्पना की गई थी। उस कर्ज को बैड लोन माना जाता है, जिन पर 90 दिन से ज्यादा समय से कोई ब्याज या मूल धन प्राप्त नहीं हुआ हो।

रिजर्व बैंक ने 29 दिसंबर की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में कहा था, स्ट्रेस टेस्ट से सामने आया है कि बेसलाइन सिनेरियो में सितंबर, 2022 तक ग्रॉस एनपीए 8.1 फीसदी हो सकता है, जो सितंबर, 2021 तक 6.9 फीसदी था और गंभीर स्ट्रेस सिनैरियो में यह इस अवधि में बढ़कर 9.5 फीसदी हो सकता है।
 

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