Edited By Supreet Kaur,Updated: 07 Apr, 2018 08:51 AM
कुवैत में रहने वाले भारतीयों (एन.आर.आईज) व उनके परिवारों के लिए लिए बुरी खबर है। कुवैत से भारत में धन भेजने के लिए भारतीयों को टैक्स अदा करना होगा जिसके लिए कुवैत सरकार ने बिल को मंजूरी दे दी है। पहले ऐसा कहा जा रहा था कि कुवैत सरकार एन.आर.आईज के धन...
जालंधरः कुवैत में रहने वाले भारतीयों (एन.आर.आईज) व उनके परिवारों के लिए लिए बुरी खबर है। कुवैत से भारत में धन भेजने के लिए भारतीयों को टैक्स अदा करना होगा जिसके लिए कुवैत सरकार ने बिल को मंजूरी दे दी है। पहले ऐसा कहा जा रहा था कि कुवैत सरकार एन.आर.आईज के धन भेजने पर टैक्स नहीं लगा सकती। इसका कारण यह है कि कुवैत अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठनों का सदस्य है। कुवैत ने उन संगठनों की स्थापना के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जिन पर प्रतिबंधों से बचने की आवश्यकता होती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि कुवैत ने प्रवासियों द्वारा घर भेजे जाने वाले धन पर टैक्स लगाने के बिल को मंजूरी दे ही दी।
क्यों नहीं लगा सकती थी कुवैत सरकार टैक्स?
शोधकर्ताओं ने कहा था कि कर लाभ से अधिक नुक्सान लाएगा, इस तरह के कर को लागू करने से कोई भी विकल्प नहीं होगा। कुवैत में अपने आप्रवासियों को अचल संपत्ति रखने की अनुमति उनके पैसे का लाभ लेने का एक अच्छा तरीका है। एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि जर्मनी में लगभग 19 लाख आप्रवासी कर्मचारी हैं और उनके द्वारा प्रति वर्ष भेजी गई औसत राशि लगभग 5 अरब डॉलर है। दूसरी तरफ कुवैत में लगभग 30 लाख आप्रवासी हैं, वे प्रति वर्ष लगभग 15 अरब डॉलर का भुगतान करते हैं। आई.एम.एफ. के मुताबिक कुवैत का कुल राष्ट्रीय राजस्व का लगभग 0.3 प्रतिशत इस कर को लागू करने से होने वाली अधिकतम राजस्व का 4 अरब डॉलर है। अपेक्षित आर्थिक सुधार लाने के लिए आवश्यक राशि की तुलना में यह राशि बहुत कम है।
टैक्स अनुमानित 19 बिलियन
खलीज टाइम्स की खबरों के अनुसार कुवैत में वित्तीय और आर्थिक मामलों की समिति ने रविवार को आप्रवासियों द्वारा घर भेजने वाले धन पर शुल्क लगाने को मंजूरी दे दी है। कमीशन सदस्यों ने दो-तिहाई सदस्यों की सहमति के साथ बिल को मंजूरी दी, हालांकि बिल में यह भी कहा गया है कि कम आय वाले आप्रवासियों के प्रेषण पर लगाया जाने वाला कर कम होना चाहिए। इन प्रेषणों पर फीस में से 70 मिलियन (233 मिलियन अमरीकी डॉलर) की राशि का अनुमान लगाया गया है, जो अनुमानित 19 बिलियन (63 बिलियन अमरीकी डालर प्रति वर्ष) का अनुमान है। प्रस्तावित कानूनों के मुताबिक केडी 90 दिनार (300 डॉलर) की फीस एक प्रतिशत, केडी 100-200 श्रेणी के लिए 2 प्रतिशत, केडी 300 से 499 सेगमैंट और केडी 500 से 1,664 ($ 1,667- $ 5,550) सेगमैंट के लिए 5 प्रतिशत है।