Edited By Supreet Kaur,Updated: 24 May, 2018 10:47 AM
सरकार ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए बुरा समय बीत चुका है और अब शुरुआती एक-दो तिमाहियों का दर्द ही बाकी रह गया है जिसमें बैंक अपने दबाव वाले खातों को साफ-सुथरा कर सकेंगे। वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सरकार सार्वजनिक...
नई दिल्लीः सरकार ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए बुरा समय बीत चुका है और अब शुरुआती एक-दो तिमाहियों का दर्द ही बाकी रह गया है जिसमें बैंक अपने दबाव वाले खातों को साफ-सुथरा कर सकेंगे। वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजीगत समर्थन देगी और किसी भी बैंक को अनुपालन में असफल नहीं होने दिया जाएगा।
देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चौथी तिमाही परिणाम में रिकार्ड घाटा रिपोर्ट करने के एक दिन बाद कुमार ने यह कहा है। भारतीय स्टेट बैंक ने चौथी तिमाही परिणाम में 7,7718 करोड़ रुपए का अब तक का सबसे बड़ा घाटा दर्ज किया। कुमार ने कहा, ‘‘बैंकों के खाते साफ-सुथरे हो रहे हैं, गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) की पहचान पारदर्शी तरीके से हो रही है। ऐसे में यदि प्रावधान राशि ज्यादा होती है अथवा एक-दो तिमाहियों में नुकसान भी होता है, तो कोई बात नहीं, हम इसके लिये तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा जो बुरा था वह निकल चुका है। ‘‘आप जब साफ सफाई का काम करते हैं, उसमें कुछ धूल झड़ती है, शुरुआत में कुछ परेशानी भी होती है। एक अथवा दो तिमाही की कोई समस्या नहीं है। आगे का रास्ता अब केवल यही है कि बुरा समय निकल चुका और अब जो कुछ होगा वह अच्छा सकारात्मक होगा।’’
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च 2018 को समाप्त चौथी तिमाही के परिणाम में सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातार बैंकों ने घाटा दिखाया है। फंसे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान करने की वजह से बैंकों को घाटा हुआ। स्टेट बैंक को एनपीए के समक्ष प्रावधान राशि दोगुनी करने पर चौथी तिमाही में 7,718 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। घोटाले के शिकार पंजाब नेशनल बैंक ने भी मार्च तिमाही में 13,416.91 करोड़ रुपए का बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घाटा दर्ज किया। निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक की आय भी आधी रह गई जबकि एक्सिस बैंक ने पहली बार घाटा उठाया। कुमार ने कहा कि सरकार ने बैंकों की स्थिति में सुधार लाने के लिये दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता संहिता का क्रियान्वय़न किया।