Edited By Isha,Updated: 13 Jan, 2019 11:14 AM
हार्ट अटैक के बाद ऑप्रेशन कराने पर उपचार खर्च का क्लेम खारिज करना बजाज आलियांस लाइफ इंश्योरैंस कम्पनी को महंगा पड़ गया। परिवाद पर उपभोक्ता फोरम ने बीमा कम्पनी को आदेश दिया कि वह परिवादी को 2.20 लाख रुपए चुकाए। क्या है
उदयपुर : हार्ट अटैक के बाद ऑप्रेशन कराने पर उपचार खर्च का क्लेम खारिज करना बजाज आलियांस लाइफ इंश्योरैंस कम्पनी को महंगा पड़ गया। परिवाद पर उपभोक्ता फोरम ने बीमा कम्पनी को आदेश दिया कि वह परिवादी को 2.20 लाख रुपए चुकाए। क्या है मामला मधुबन के महावीर कॉम्प्लैक्स निवासी चेतन पुत्र भंवरलाल लूणदिया ने बताया कि उसने बजाज आलियांस से 24 साल के लिए 2 लाख रुपए की पॉलिसी ली थी। हर साल प्रीमियम राशि 13,638 रुपए थी। पॉलिसी में गारंटिड बैनिफिट के साथ सप्लीमैंट्री बैनीफिट्स के रूप में क्रिटिकल इलनैस राइडर के तहत 2 लाख रुपए का बीमा था।
क्रिटिकल इलनैस में कम्पनी ने 11 गंभीर बीमारियां कवर करना बताया था। गत 11 फरवरी 2016 को सीने में दर्द होने पर वह हॉस्पिटल गया तो डॉक्टर ने हार्ट अटैक बता ऑप्रेशन की सलाह दी। अहमदाबाद के निजी हॉस्पिटल में 16 से 19 फरवरी को वह भर्ती रहा। उपचार में 4.5 लाख रुपए खर्च हुए। उदयपुर लौटने पर कम्पनी को 2 लाख रुपए देने के लिए प्रार्थना पत्र भेजा लेकिन 26 मई 2016 को कम्पनी ने इसे 11 अंकित बीमारियों में नहीं बताकर क्लेम खारिज कर दिया। परेशान होकर चेतन ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।
यह कहा फोरम ने मामले की सुनवाई के दौरान कम्पनी ने फोरम के समक्ष जवाब दिया कि परिवादी ने जिस बीमारी का इलाज करवाया वह पॉलिसी की टर्म एंड कंडीशन में कवर नहीं है। परिवादी ने किसी भी हॉस्पिटल में हार्ट का ऑप्रेशन नहीं कराया, सिर्फ कॉरोनरी एंजियोग्राफी कराई। मंच अध्यक्ष कमलचंद नाहर, सदस्य अंजना जोशी और भारत भूषण ओझा ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कम्पनी को आदेश दिया कि वह 2 माह में 2 लाख रुपए, मानसिक संताप के 15,000 और परिवाद खर्च के 5,000 रुपए प्रार्थी को दे।