Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jun, 2017 12:02 PM
हर परिवार में बैंक अकाऊंट हो इसके लिए जनधन अकाऊंट खोले गए। पिछले 6 महीनों से लगातार जनधन खातों में जमा रकम घट रही है। घटती रकम से साफ है कि लोग अभी जनधन अकाऊंट में उम्मीद के अनुसार बैंकिंग ट्रांजैक्शन नहीं कर रहे हैं।
नई दिल्लीः हर परिवार में बैंक अकाऊंट हो इसके लिए जनधन अकाऊंट खोले गए। पिछले 6 महीनों से लगातार जनधन खातों में जमा रकम घट रही है। घटती रकम से साफ है कि लोग अभी जनधन अकाऊंट में उम्मीद के अनुसार बैंकिंग ट्रांजैक्शन नहीं कर रहे हैं। इसका असर जनधन के तहत मिलने वाली ओवरड्रॉफ्ट सुविधा पर सीधे तौर पर हो सकता है।
क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के बाद जिस तरह से बैंक डिपॉजिट में तेजी आई थी। वह सिस्टम में कैश की उपलब्धता बढ़ने के बाद उसी तेजी से घट रही है। जिसका असर जनधन अकाऊंट्स में दिख रहा है।
महीना |
कुल डिपॉजिट (रुपए में) |
दिसंबर |
71 हजार करोड़ |
जनवरी |
67 हजार करोड़ |
फरवरी |
64 हजार करोड़ |
मार्च |
63 हजार करोड़ |
अप्रैल |
64 हजार करोड़ |
क्यों आ रही है गिरावट
पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.)के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नोटबंदी से पहले जनधन अकाऊंट में करीब 50 हजार करोड़ रुपए जमा थे। अभी जो ट्रेंड दिख रहा है उसे देखते हुए कुल डिपॉजिट उसी लेवल के आसपास पहुंचने की संभावना है। इससे यह साफ है कि जनधन अकाऊंट में ज्यादा ट्रांजैक्शन नहीं हो रहा है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि जनधन अकाऊंट तक अभी 28 करोड़ अकाऊंट खुले हैं। जिनमें कुल 64 हजार करोड़ रुपए डिपॉजिट है। कुल खुले अकाऊंट में से 25 फीसदी अकाऊंट में अभी भी जीरो बैंलेंस है। ऐसे में साफ है कि करीब 7 करोड़ अकाऊंट होल्डर कोई ट्रांजैक्शन नहीं कर रहे हैं। इसी तरह बाकी बचे 21 करोड़ अकाऊंट होल्डर्स में औसतन प्रति अकाऊंट 3000 रुपए है।