Edited By PTI News Agency,Updated: 07 Apr, 2020 11:07 AM
हिमाचल प्रदेश और हरियाणा राज्य सरकारों के च्युइंगम पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर इसके विनिर्माताओं ने आपत्ति की है। उनका कहना है कि इस प्रतिबंध का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। पिछले हफ्ते हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को सीमित रखने के उद्देश्य...
नयी दिल्ली: हिमाचल प्रदेश और हरियाणा राज्य सरकारों के च्युइंगम पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर इसके विनिर्माताओं ने आपत्ति की है। उनका कहना है कि इस प्रतिबंध का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। पिछले हफ्ते हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को सीमित रखने के उद्देश्य से राज्य में च्युइंगम की बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी इसका अनुसरण किया।
च्युइंगम बनाने वाली प्रमुख कंपनी परफैटी वैन मेले और मार्स रिंगली इसे लेकर संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर रही हैं। कंपनियों का कहना है कि किसी और देश ने इस तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है। परफैटी वाल मेले इंडिया के पास सेंटर फ्रेश, हैप्पीडेंट, सेंटर फ्रूट, बिग बबूल और चुपा चुप्स जैसे च्युइंगम ब्रांड हैं। कंपनी का कहना है कि इन प्रतिबंधों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि विशेष तौश्र पर च्युइंगम थूकने से कोरोना वायरस फैलता है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक राजेश रामाकृष्णन ने कहा, ‘हम हरियाणा के खाद्य एव दवा विभाग के साथ इस प्रतिबंध को समझने का प्रयास कर रहे हैं। किसी और देश में ऐसा प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।’ वहीं मार्स रिंगली इंडिया ऑरबिट, बूमर और डबलमिंट जैसे च्युइंगम का विनिर्माण करती है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वह स्थानीय प्रशासन से बातचीत कर रही है।