Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Mar, 2020 01:34 PM
बंधन बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ चंद्रशेखर घोष ने गुरुवार को कहा कि बैंक अगले तीन से पांच वर्षों के दौरान जारी किए गए कर्ज में सूक्ष्म ऋण (Micro credit) यानी बेहद छोटे कर्ज की हिस्सेदारी को धीमे-धीमे कम करेगा। निजी क्षेत्र के इस बैंक ने जब...
बिजनेस डेस्क: बंधन बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ चंद्रशेखर घोष ने गुरुवार को कहा कि बैंक अगले तीन से पांच वर्षों के दौरान जारी किए गए कर्ज में सूक्ष्म ऋण (Micro credit) यानी बेहद छोटे कर्ज की हिस्सेदारी को धीमे-धीमे कम करेगा। निजी क्षेत्र के इस बैंक ने जब अगस्त 2016 में परिचालन शुरू किया था तो उसके कुल पोर्टफोलियो में Micro credit की 85 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
घोष ने बताया कि इस समय बैंक द्वारा जारी कुल कर्ज में Micro credit की 61 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने बताया कि अगले तीन से पांच वर्षों में, बैंक के माइक्रो और गैर Micro credit का अनुपात 50:50 होगा। उन्होंने कहा कि बैंक के ऋण पोर्टफोलियो में आवास कर्ज की हिस्सेदारी 30 फीसदी और छोटे और मझोले उद्योगों को दिए गए कर्ज की हिस्सेदारी 9% है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2019 तक बैंक ने कुल 65,456 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था और उसके पास 55,000 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद चालू वित्त वर्ष में कर्ज वितरण में सामान्य वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
घोष ने कहा कि हालांकि कई कारकों के चलते मंदी है, लेकिन बंधन बैंक की कर्ज वृद्धि पर प्रभाव बहुत अधिक नहीं होगा। रबी की अच्छी फसल के कारण निम्न-मध्यम आय वाले उपभोक्ताओं का खर्च अच्छे स्तर पर बना रहेगा। उन्होंने कहा कि बैंक नियामक दिशानिर्देशों को पूरी करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, और इस कारण आरबीआई ने उस पर नई शाखाएं खोलने के प्रतिबंध को हटा दिया गया है। बंधन बैंक में ग्रृह फाइनेंस के विलय के बाद बैंक में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 80 फीसदी से घटकर 61 फीसदी हो गई है। कोलकाता स्थित बंधन बैंक की देश में 1,013 शाखाएं हैं।