Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Dec, 2018 01:37 PM
बैंक अकाउंट खुलवाने के आपको आधार कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ड के फैसले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र सरकार अाधार के स्थान पर QR code पर आधारित ''ऑफलाइन आधार'' के इस्तेमाल की योजना बना रही है।
नई दिल्लीः बैंक अकाउंट खुलवाने के आपको आधार कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ड के फैसले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र सरकार अाधार के स्थान पर QR code पर आधारित 'ऑफलाइन आधार' के इस्तेमाल की योजना बना रही है। फिलहाल इस पर अभी बातचीत जारी है। अगर सब ठीक रहा तो बैंक अकाउंट खुलवाने, फिनटेक कंपनियों, पेमेंट वॉलेट का उपयोग करने और इंश्योरेंस कवर खरीदने के लिए बायोमेट्रिक eKYC के स्थान पर इस नए 'आॅफलाइन अाधार' का इस्तेमाल किया जाएगा।
डॉक्यूमेंट पर होंगे डिजिटल साइन
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया था कि बैंक खाता खुलवाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। इसके बाद ऑफलाइन आधार के इस्तेमाल के बारे में चर्चा शुरू हुई। ऑफलाइन आधार का Unique Identification Authority of India के सर्वरों से कोई लिंक नहीं होगा। QR code वाले प्रिंट आउट को UIDAI द्वारा डिजिटली साइन किया जाएगा, जिससे यह डॉक्यूमेंट राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आइडी जितना भरोसेमंद हो जाएगा। साथ ही पासपोर्ट ऑफिस और बैंक को इसमें काफी सुविधा हो जाएगी।
सुरिक्षत होगा नया आधार
UIDAI के मुताबिक ऑफलाइन आधार KYC का नया तरीका हो सकता है। इसमें व्यक्ति के नाम, फोटोग्राफ और एड्रेस के अलावा बाकि जानकारी गोपनीय रहती है। लिहाजा यजह लोगों की जानकारी को सुरक्षित रखने का आसान तरीका हो सकता है।
UIDAI से बातचीत जरूरी
ऑफलाइन आधार की सुविधा आरबीआई द्वारा दी जाएगी, लिहाजा इसके लिए अारबीआई को पहले एक सर्कुलर निकालना होगा। रिजर्व बैंक ने UIDAI के साथ दो-तीन बैठकें की हैं। आधार एजेंसी का सुझाव है कि KYC मास्टर सर्कुलर में सुधार किया जाए, जिससे नए नियम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक हों। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आधार कार्ड सिर्फ ऐसे लेनदेन में अनिवार्य होगा जहां डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर हो रहा हो या फिर जिसमें Pan नंबर की जरूरत पड़ रही हो।
फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों का होगा फायदा
सरकार और आरबीआई का यह कदम फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों को काफी फायदा पहुंचाएगा जो कि लंबे समय से सरकार से जिद कर रही थीं कि आधार को अनिवार्य बनाने के लिए कानून में बदलाव किए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि आधार आधारित वेरिफिकेशन प्राइवेट कंपनियों द्वारा नहीं किया जाएगा।