बैंक फ्रॉड में जबर्दस्त इजाफा, 1 साल में लगा 71543 करोड़ रुपए का चूनाः RBI रिपोर्ट

Edited By Supreet Kaur,Updated: 30 Aug, 2019 10:00 AM

bank fraud increased drastically loses rs 71543 crore says rbi report

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने साल 2019 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले साल बैंकों में धोखाधड़ी के मामले में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं धोखाधड़ी की राशि 73.8 फीसदी बढ़कर 71,542.93 करोड़ रुपए तक पहुंच...

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने साल 2019 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले साल बैंकों में धोखाधड़ी के मामले में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं धोखाधड़ी की राशि 73.8 फीसदी बढ़कर 71,542.93 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
PunjabKesari
6801 मामले दर्ज
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र ने 71,542.93 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों को रिपोर्ट किया। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 5,916 मामलों का था और इसमें धोखाधड़ी की राशि 41,167.04 करोड़ रुपए थी। आलोच्य वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले। इसके बाद निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों का स्थान रहा।
PunjabKesari
कार्ड, इंटरनेट के जरिए भी हुई धोखाधड़ी
रिपोर्ट में कहा गया है कि धोखाधड़ी होने और बैंकों में उसका पता लगने के बीच की औसत अवधि 22 माह रही है। इसमें कहा गया है कि बड़ी धोखाधड़ी के मामलों, यानी 100 करोड़ रुपए से उससे अधिक के धोखाधड़ी के मामलों के होने और उनका पता लगने का समय औसतन 55 माह रहा है। इस दौरान 100 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की राशि 52,200 करोड़ रुपए रही है। सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले अग्रिम राशि से जुड़े रहे हैं। इसके बाद कार्ड, इंटरनेट और जमा राशि से जुड़े धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। वर्ष 2018- 19 में कार्ड, इंटरनेट और जमा राशि से जुड़े धोखाधड़ी राशि कुल धोखाधड़ी के समक्ष मात्र 0.3 फीसदी रही है।
PunjabKesari
बैंकों के NPA में गिरावट 
बैंकों के फंसे कर्ज के बारे में जल्द पता चलने और उसका जल्द समाधान होने से वित्त वर्ष 2018- 19 में बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां उनके कुल कर्ज का 9.1 फीसदी पर नियंत्रित करने में मदद मिली है जो साल भर पहले 11.2 फीसदी के स्तर पर थी। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समस्या का जल्द पता चलने, उसको दुरुस्त करने और उसका समाधान करने के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2018- 19 में सकल एनपीए अनुपात घटकर 9.1 फीसदी रह गया है जो वित्तवर्ष 2017- 18 में 11.2 फीसदी था। रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआती कठिनाइयों के बाद दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता पूरा माहौल बदलने वाला कदम साबित हो रही है। इसमें कहा गया है, ‘‘पुराने फंसे कर्ज की प्राप्तियों में सुधार आ रहा है और इसके परिणामस्वरूप, संभावित निवेश चक्र में जो स्थिरता बनी हुई थी उसमें सुगमता आने लगी है।'' 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!