'ग्राहक के खाते से बिना इजाजत के निकले पैसे तो बैंक होगा जिम्मेदार'

Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Feb, 2019 02:02 PM

bank responsible if money withdrawn from account holder without permission

ग्राहक के खाते से अब अगर उसकी बिना इजाजत के पैसा निकालता है तो इसकी जिम्मेदारी बैंक की ही होगी। केरल हाई कोर्ट ने कहा कि बैंक अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते और और न ही ग्राहक की बिना इजाजत के उसके अकाउंट से रकम निकाल सकता है।

कोच्चि: ग्राहक के खाते से अब अगर उसकी बिना इजाजत के पैसा निकालता है तो इसकी जिम्मेदारी बैंक की ही होगी। केरल हाई कोर्ट ने कहा कि बैंक अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते और और न ही ग्राहक की बिना इजाजत के उसके अकाउंट से रकम निकाल सकता है। जस्टिस पी.बी. सुरेश कुमार ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि अगर ग्राहक एसएमएस अलर्ट का जवाब नहीं देते तो भी बैंक अनधिकृत तौर पर रकम निकलने के लिए जिम्मेदार हैं। कोर्ट ने कहा कि बैंक एसएमएस के जरिए ग्राहकों को अलर्ट करती है लेकिन यह उनके उकाउंट से पैसे निकलने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कुछ बैंक के ग्राहक ऐसे भी हो सकते हैं जिनको नियमित मोबाइल पर एसएमएस देखने की आदत न हो। दरअसल कोर्ट ने यह फैसला उस मामले में सुनाया जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने ही केरल कोर्ट में एक निजली अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी।

ग्राहक की बिना इजाजत के ही उसके अकाउंट से पैसे निकाल लिए थे। इस पर ग्राहक को 2.4 लाख का नुकसान हुआ था, पीड़ित ग्राहक ने बैंक से इस रकम को ब्याज के साथ लौटाने की मांग की थी। ग्राहक की इस शिकायत पर बैंक ने कहा था कि विदड्रॉल के लिए SMS अलर्ट भेजे गए थे, ग्राहक को अपना अकाउंट तुरंत ब्लॉक करने के लिए निवेदन देना चाहिए था। बैंक ने कोर्ट में दलील दी थी कि ग्राहक को एसएमएस अलर्ट का जवाब देना चाहिए थे। इसमें गलती ग्राहक की और बैंक इस नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि कस्टमर के हितों की रक्षा के लिए सावधानी बरतना बैंक का फर्ज है।

कोर्ट ने कहा कि ग्राहक के बैंक से बिना उसकी अनुमति के पैसे न निकलें, इस पर उचित कदम उठाना बैंक की ही जिम्मेदारी बनती है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि ग्राहकों के अकाउंट के साथ हो रही गड़बड़ी को रोकना का दायित्व भी बैंक का ही है। केरल कोर्ट ने कहा कि हमारे यह जवाब बैंकों को उनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी की याद कराता है। कोर्ट ने अपने आदेश में कोई नए ऑर्डर नहीं दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि फ्रॉड लोगों की ओर से अगर ग्राहक को नुकसान होता है तो बैंक को इसकी जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए क्योंकि उन्होंने इस तरह की धोखेबाजी से अपने कस्टमर को बचाने के लिए कोई मजबूत सिस्टम नहीं बनाया है।

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