Edited By Supreet Kaur,Updated: 31 May, 2018 11:42 AM
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लाखों कर्मचारी आज लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से देशभर में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुई हैं। बैंकों के संगठन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आइबीए) द्वारा महज दो फीसद वेतन वृद्धि दिए जाने के...
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लाखों कर्मचारी आज लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से देशभर में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुई हैं। बैंकों के संगठन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आइबीए) द्वारा महज दो फीसद वेतन वृद्धि दिए जाने के विरोध में कर्मचारी 30 और 31 मई को देशव्यापी हड़ताल पर हैं।
वेतन मिलने में आएगी दिक्कत
आधिकारिक अनुमान के अनुसार सिर्फ 25 फीसदी बैंक शाखाओं में बुधवार को सामान्य कामकाज हो सका। हालांकि 80 फीसदी एटीएम चालू रहे और लोगों को नकदी निकासी की सुविधा मिलती रही। ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआइबीइए) के एक बयान के अनुसार हड़ताल में करीब दस लाख बैंक कर्मचारी शामिल हैं। ये कर्मचारी 21 सार्वजनिक बैंकों के अलावा पुरानी पीढ़ी के 13 प्राइवेट बैंक, छह विदेशी बैंकों और 56 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में कार्यरत हैं। हड़ताल ऐसे समय में हुई है जब महीने के अंत में बैंक शाखाओं से वेतन निकाला जाता है। हड़ताल से कर्मचारियों को वेतन मिलने में दिक्कत आ सकती है।
20 हजार करोड़ के लेनदेन अटकने का अनुमान
इस बीच उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि दो दिन की बैंकिंग हड़ताल से 20,000 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन प्रभावित हो सकते हैं। उसने सरकार से अपील की है कि सार्वजनिक बैंकों की वित्तीय हालत सुधारने के लिए राहत पैकेज दिया जाए। बैंकों का एनपीए (फंसे कर्ज) बढ़ने और इसके लिए रकम की व्यवस्था करने के कारण बैंकों को जबर्दस्त घाटा हो रहा है। बीते मार्च तिमाही में सरकारी बैंकों का घाटा 50,000 करोड़ रुपए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। दिसंबर 2017 तिमाही में सरकारी बैंकों का कुल घाटा 19,000 करोड़ रुपए था।