Edited By ,Updated: 17 Jul, 2016 11:50 AM
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (ए.आई.बी.ई.ए.) ने जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाले 7,000 से अधिक कार्पोरेट ऋणधारकों के नाम सार्वजनिक करने की धमकी दी है।
अहमदाबाद: अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (ए.आई.बी.ई.ए.) ने जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाले 7,000 से अधिक कार्पोरेट ऋणधारकों के नाम सार्वजनिक करने की धमकी दी है। संघ के मुताबिक इन लोगों ने बैंकों पर करीब 70,000 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। कर्मचारी संघों ने इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की भी मांग की है।
ए.आई.बी.ई.ए. महासचिव सी.एच. वेंकटाचलम ने यह भी बताया कि 29 जुलाई को बैंकों के 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी एक दिन की हड़ताल पर जाएंगे। यह हड़ताल सरकार की ‘‘जन विरोधी बैंकिंग सुधारों को आगे बढ़ाने’’ के खिलाफ होगी। वेंकटचलम ने कहा, ‘‘जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाले इन लोगों ने किसी काम के लिए कर्ज लिया लेकिन इसका अन्यत्र इस्तेमाल कर दुरुपयोग किया। करीब 7,000 करोड बड़ी कम्पनियां हैं जिन्होंने बैंकों का 70,000 करोड़ रपये जानबूझकर नहीं लौटाया है। हम अगले कुछ दिनों में इनके नाम सार्वजनिक कर देंगे।’’
वेंकटचलम ने एेसे लोगों पर कारवाई के मामले में धीमी गति से आगे बढऩे पर सरकार की आलोचना की है। ‘‘हमारा मानना है कि सरकार इनके प्रति नरम रवैया अपना रही है। हम जानना चाहते हैं कि एेसे लोगों के खिलाफ आपराधि कारवाई क्यों नहीं की जा रही है, केवल दिवानी मामले ही दर्ज किये जा रहे हैं।’’ उन्होंने सरकार से अपील की है कि जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने को आपराधिक जुर्म घोषित किया जाए और इसके खिलाफ आपराधिक कारवाई कर उनकी संपत्ति कुर्क कर धन की वसूली की जानी चाहिए।