मार्च 2021 तक बैंकों का सकल एनपीए 9.6-9.7% तक पहुंच सकता है: रिपोर्ट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Apr, 2021 06:32 PM

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ऋण की किस्त अदायगी में छूट जैसे राहत उपायों के चलते 31 मार्च 2021 तक बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) 9.6-9.7 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। इक्रा रेटिंग के अनुसार, बैंकों का जीएनपीए मार्च 2022 तक और बिगड़ कर 9.9-10.2 प्रतिशत तक...

नई दिल्लीः ऋण की किस्त अदायगी में छूट जैसे राहत उपायों के चलते 31 मार्च 2021 तक बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) 9.6-9.7 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। इक्रा रेटिंग के अनुसार, बैंकों का जीएनपीए मार्च 2022 तक और बिगड़ कर 9.9-10.2 प्रतिशत तक हो सकता है। 

रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 महामारी के चलते कर्ज लेने की क्षमता प्रभावित होने के बावजूद बैंकों के लिए सकल ताजा चूक वित्त वर्ष 2020-21 के पहले नौ महीनों के दौरान काफी कम 1.8 लाख करोड़ रुपए रही, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 3.6 लाख करोड़ रुपए थी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि विभिन्न राहत उपायों के चलते ऐसा हुआ, हालांकि, परिसंपत्ति गुणवत्ता को लेकर दबाव फिर से शुरू होने की आशंका है। 

इंक्रा ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि 31 मार्च 2021 तक जीएनपीए (राइट-ऑफ को छोड़कर) 9.6-9.7 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा, और 31 मार्च 2022 तक यह आंकड़ा बढ़कर 9.9-10.2 प्रतिशत हो जाएगा।'' जीएनपीए 31 मार्च 2020 तक 8.6 प्रतिशत था। इंक्रा के क्षेत्र प्रमुख (वित्तीय क्षेत्र रेटिंग) अनिल गुप्ता ने कहा कि ऋण किस्त स्थगन जैसे राहत उपायों के बाद परिसंपत्ति की गुणवत्ता पर प्रभाव वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2022 में देखने को मिलेगा, क्योंकि विभिन्न हस्तक्षेपों और राहत उपायों ने बैंकों की लाभप्रदता और पूंजी पर एक बड़ी चोट को रोक दिया।  

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