SBI चेयरमैन बोले- बैंक कर्ज देने को तैयार लेकिन ग्राहक जोखिम नहीं लेना चाहते

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jun, 2020 10:31 AM

banks are ready to give loans but customers do not want to take risks

कोरोना संकट काल में लोगों तक नकदी पहुंचाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से लोन बांटने पर जोर दिया जा रहा है। यही वजह है कि रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है।

नई दिल्लीः कोरोना संकट काल में लोगों तक नकदी पहुंचाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से लोन बांटने पर जोर दिया जा रहा है। यही वजह है कि रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है।

सिर्फ लॉकडाउन में रिजर्व बैंक ने दो बार रेपो रेट में कटौती की है। वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी पर है, जो अब तक का सबसे निचला स्‍तर है। वहीं, बैंकों ने भी लोन लेने की प्रक्रिया को पहले के मुकाबले आसान बना दिया है। इन कोशिशों के बावजूद लोग कर्ज लेने को तैयार नहीं हैं। इस बात को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने भी स्‍वीकार किया है।

एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि बैंक कर्ज देने को तैयार हैं लेकिन ग्राहक कर्ज लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इसके साथ ही रजनीश कुमार ने बैंक की जमा रिजर्व बैंक के पास रखने की आलोचनाओं पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने कहा, ''हमारे पास फंड है, लेकिन कर्ज की मांग नहीं है। ऐसे में बैंकों का पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जहां तक ग्राहकों की बात है तो वे अभी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।''
 
आपको बता दें कि ये आलोचना होती रही है कि रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट पर दी गई राहत को बैंक ग्राहकों तक सही तरीके से नहीं पहुंचा रहे हैं। बैंक अपने फंड को रिजर्व बैंक के पास जमा कर ज्‍यादा से ज्‍यादा मुनाफा लेना चाहते हैं। इस मुनाफे को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है। हालांकि, हाल ही में आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी कर दिया है। 

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