बैंक खाताधारक को बिना बताए नहीं ले सकते सेवा शुल्क

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Feb, 2018 08:51 AM

banks can not take charge without informing the account holder

खाताधारकों को विभिन्न स्तरों पर मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं के एवज में लिए जाने वाले शुल्क की सूचना अनिवार्य तौर पर देनी होगी। साथ ही बैंक को खाताधारक से पहले अनुमति भी लेनी होगी। इसका अनुपालन नहीं होने पर ग्राहक रिजर्व बैंक से शिकायत कर सकते हैं।

नई दिल्लीः खाताधारकों को विभिन्न स्तरों पर मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं के एवज में लिए जाने वाले शुल्क की सूचना अनिवार्य तौर पर देनी होगी। साथ ही बैंक को खाताधारक से पहले अनुमति भी लेनी होगी। इसका अनुपालन नहीं होने पर ग्राहक रिजर्व बैंक से शिकायत कर सकते हैं। बैंक खाते में पैसा आने और जाने संबंधी संदेश भेजने, ए.टी.एम. कार्ड का वार्षिक शुल्क, दूसरी शाखा में सेवाएं लेने, निर्धारित संख्या से ज्यादा चैक लेने और ड्राफ्ट बनवाने सहित अन्य सेवाओं पर शुल्क लेते हैं। हालांकि, इन सेवाओं पर कितना शुल्क लगता है, इसकी जानकारी आमतौर पर बैंक खाताधारकों को नहीं देते हैं।

वित्त मंत्रालय और आर.बी.आई. के पास कई शिकायतें आईं जिनमें खाता खुलवाते समय बैंक प्रतिनिधि ने अमुक सुविधा के एवज में मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक शुल्क लगने के बारे में नहीं बताया था। कई बार शुल्क कटने के बाद जब खाताधारक ने गौर किया और बैंक गया तो जानकारी दी गई कि खाता खुलवाते समय उसने इसकी अनुमति दे दी थी। इस बारे में खाताधारक अनभिज्ञ था, जिसके बाद उसने बैंक को संबंधित सुविधाएं नहीं देने का आग्रह किया क्योंकि वे नि:शुल्क नहीं थीं।

धोखाधड़ी मामले में समय अहम
बैंक खाते में ऐसी धोखाधड़ी, जिसमें ग्राहक की गलती नहीं है तो बैंक को नुक्सान की भरपाई करनी होगी। जरूरी है कि 3 दिन के भीतर इसकी जानकारी बैंक को दें। इस अवधि के बाद सूचित करने पर जिम्मेदारी ग्राहक पर डाली जा सकती है। सूचना के 10 दिन में बैंक को क्षतिपूर्ति करनी होती है।

बैंक से मांग सकते हैं लिखित जानकारी
बैंक में खाता खुलवाते समय प्रतिनिधि से ग्राहक जमा-निकासी शुल्क से लेकर ए.टी.एम. के जरिए लेन-देन की सीमा के बारे में भी पूछताछ कर सकता है। साथ ही लिखित जानकारी की मांग कर सकता है।

30 दिनों में शिकायत का निपटारा
आर.बी.आई. की नि:शुल्क ग्राहक सेवा नंबर पर शिकायत करने पर एक कम्प्लेंट नंबर दिया जाएगा। बैंक की वैबसाइट से भी शिकायत कर सकते हैं। फोन या ई-मेल से शिकायत करने के बाद 30 दिन में मामले को निपटाना होगा।

आर.बी.आई. के सख्त निर्देश
आर.बी.आई. ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को संदेश, ई-मेल, फोन समेत अन्य माध्यमों से पहले से स्पष्ट सूचना दें। खाता खुलवाते समय या इसके बाद ग्राहक द्वारा सुविधा लिए जाने के दौरान लिखित अनुमति स्पष्ट होनी चाहिए। बैंक अनुपालन नहीं करता, तो ग्राहक सेवा नंबर पर शिकायत कर सकते हैं।
 

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