Edited By Supreet Kaur,Updated: 04 Oct, 2018 11:09 AM
अगर आप अपने बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं रखते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। पिछले चार वर्षों में देश भर के बैंकों ने बचत खातों की ऐसी ही छोटी-छोटी कटौतियों से ग्राहकों से मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर जुर्माने के तौर पर 11,500 करोड़...
बिजनेस डेस्कः अगर आप अपने बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं रखते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। पिछले चार वर्षों में देश भर के बैंकों ने बचत खातों की ऐसी ही छोटी-छोटी कटौतियों से ग्राहकों से मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर जुर्माने के तौर पर 11,500 करोड़ रुपए वसूले हैं।
बैंकों ने कमाए 11,500 करोड़ रुपए
वित्त मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक पिछले चार साल (वित्त वर्ष 2014-15 से 2017-18 के बीच) में 21 सार्वजनिक बैंकों और निजी क्षेत्र के तीन दिग्गज बैंकों ने बचत खातों में मिनिमम बैलेंस न रख पाने वाले ग्राहकों से कुल 11,500 करोड़ रुपए की कमाई की है।
स्टेट बैंक को सबसे ज्यादा फायदा
मिनिमम बैलेंस न रखने पर चार्ज वसूलने पर देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। 2017-18 में इस मद में 2,500 करोड़ रुपए की कमाई की है। निजी क्षेत्र के दिग्गज एचडीएफसी बैंक ने इस दौरान 600 करोड़ रुपए की कमाई की है।
कैसे लगती है पेनल्टी
बैंकों का कहना है कि ये चार्ज खातों को चलाने के लिए जरूरी खर्च निकालने के लिए लगाए जाते हैं। मिनिमम बैलेंस न रख पाने के एकसमान 'अपराध' के लिए अलग-अलग जुर्माना वसूल रहे हैं। उदाहरण के लिए एसबीआई अपने बचत खाता धारकों से न्यूनतम बैलेंस न रखने पर 5 से 15 रुपए (साथ में जीएसटी) काटता है। मेट्रो शहरों के एसबीआई ग्राहकों को हर महीने खाते में न्यूनतम 3,000 रुपए का बैलेंस रखना होता है। छोटे शहरों में हर महीने 2,000 रुपए और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपए रखने की शर्त होती है।