रियल एस्टेट की मंदी से संकट में घिरे बैंक

Edited By Supreet Kaur,Updated: 17 Oct, 2019 11:57 AM

banks in crisis due to real estate slowdown

रियल एस्टेट उद्योग में नकदी के भारी संकट ने कई बैंकों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। बिल्डर्स घर बेचने से लेकर प्रोजैक्ट को पूरा करने तक में खासी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। बिल्डरों को ऋण वापस करने के लिए कठिन परिस्थितियों का ....

नई दिल्लीः रियल एस्टेट उद्योग में नकदी के भारी संकट ने कई बैंकों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। बिल्डर्स घर बेचने से लेकर प्रोजैक्ट को पूरा करने तक में खासी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। बिल्डरों को ऋण वापस करने के लिए कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है और जिस तरह से मार्कीट में नकदी का संकट है उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में यह संकट और गहरा सकता है। ऐसी स्थिति से नियमित बैंकिंग सैक्टर आवासीय वित्तीय फर्मों को भी काफी नुक्सान हो रहा है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एन.बी.एफ.सी.) का  डिवैल्परों के पास आधे से अधिक का लोन बकाया है।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (फिच ग्रुप) के मुताबिक 2020 की पहली छमाही में 70 हजार करोड़ रुपए के विकास ऋण की अदायगी की जानी है। ऐसे में मौजूदा हालात को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि रियल एस्टेट संकट का प्रभाव बैंकों पर भी देखने को मिलेगा, जिन्होंने एन.बी.एफ.सी. को कर्ज दिया है या उनके बॉन्ड में निवेश किया हुआ है। सैंट्रल बैंक और सरकार सहित भारतीय वित्तीय अधिकारियों ने इस वर्ष कहा है कि बैंकिंग सैक्टर का बैड लोन जोकि 10.6 लाख करोड़ रुपए है, संकट के दौरान पिछले 4 साल में पहली बार गिरावट पर होगा। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 9 महीनों में दिवालियापन की गर्त में गए प्रॉपर्टी डिवैल्पर की संख्या दोगुनी हो गई है, जिससे एन.बी.एफ.सी. पर दबाव बढ़ा ही है।

भारी छूट के बावजूद नहीं बिक रहीं प्रॉपर्टीज
प्रॉपर्टी बाजार बीते 3-4 वर्षों से संकट के दौर से गुजर रहा है। हालांकि एन.बी.एफ.सी. में नकदी संकट के चलते यह अब और गहरा गया है। भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड के मुताबिक 30 जून तक 421 बिल्डर्स के खिलाफ दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। बीते साल 30 सितम्बर तक यह संख्या 209 के करीब थी। सूत्रों के मुताबिक बिल्डर्स 25 फीसदी तक की भारी-भरकम छूट देने के बाद भी प्रॉपर्टी नहीं बेच पा रहे हैं। हालात ये हैं कि देश भर में रियल एस्टेट की इन्वैंट्री 4 साल के उच्चतम स्तर पर है और लगभग 4-5 वर्षों में देश के ज्यादातर हिस्सों में प्रॉपर्टी के दाम भी नहीं बढ़े हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में देश के शैड्यूल कमर्शियल बैंकों का एन.पी.ए. 1.02 लाख करोड़ रुपए घटकर 9.34 करोड़ रुपए रहा गया है लेकिन अब भी भारत का बैड लोन अनुपात सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है।

कौन से बैंक हो सकते हैं प्रभावित
विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों के मुताबिक रियल एस्टेट में बढ़ता ऋण बड़ी चिंता का विषय है। सितम्बर मध्य में जारी हुई मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक यैस बैंक और इंडसइंड बैंक की निजी रियल एस्टेट क्षेत्र में सीधे मौजूदगी है। ऐसे में रियल एस्टेट में मंदी से ये दोनों बैंक सबसे अधिक प्रभावित होंगे, वहीं रिपोर्ट के मुताबिक आई.सी.आई.सी.आई. बैंक और एक्सिस बैंक पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। आर.बी.आई. के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस महीने रियल एस्टेट में सुस्ती के संबंध में कहा कि वह वित्तीय क्षेत्र में स्थिरता पर तैयार हो रही रिपोर्ट में इस क्षेत्र पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे। प्रमुख प्रॉपर्टी कंसल्टैंट अनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टैंट्स के मुताबिक देश भर में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजैक्ट ठप्प पड़े हैं।

3 तरह से प्रभावित होंगे बैंक
12 बैंकिंग और रियल एस्टेट सूत्रों के अनुसार इन एन.बी.एफ.सी. के संभावित प्रत्यार्पण से बैंकों के घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है। संवेदनशील मामला होने के कारण एक वरिष्ठ बैंकिंग जानकार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि प्रॉपर्टी क्षेत्र में मंदी से बैंक 3 तरह से प्रभावित होंगे-पहला उन्होंने एन.बी.एफ.सी. को ऋण दिए हैं, दूसरा डिवैल्पर को सीधे तौर पर ऋण और तीसरा व्यक्ति द्वारा लिया गया ऋण। सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर कृष्ण मित्रो ने नोएडा स्थित घर के लिए जे.पी. डिवैल्पर को 90 फीसदी कीमत अदा कर दी है। घर 5 साल पहले खरीदारों को सौंपा जाना था लेकिन 2017 में डिवैल्पर को दिवालिया घोषित कर दिया गया, तब से यह प्रोजैक्ट हवा में लटका है। यहां तक कि दिवालिया अदालत भी इस मामले में हाथ खड़े कर चुकी है। उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने कितनी राशि दी है मगर यह प्रोजैक्ट एक अरब रुपए से ज्यादा का हो सकता है। इस तरह के सैंकड़ों प्रोजैक्ट हवा में लटके हुए हैं और होम बायर इस आस में हैं कि कोई नया डिवैल्पर इन प्रोजैक्ट में रुचि दिखाए ताकि उन्हें उनके सपनों के घर मिल सकें।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!