बैंकों को ‘अग्रिम आधार' पर पूंजी जुटाने की जरूरत: दास

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jul, 2020 10:41 AM

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि बैंकों को पूर्वानुमान के आधार पर पहले ही पूंजी जुटा कर रखने की जरूरत इससे उनके पास कोरोना वायरस जैसे संकट के समय पर्याप्त पूंजी ‘बफर'' रहेगा। दास ने शनिवार को भारतीय स्टेट बैंक के बैंकिंग और...

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि बैंकों को पूर्वानुमान के आधार पर पहले ही पूंजी जुटा कर रखने की जरूरत इससे उनके पास कोरोना वायरस जैसे संकट के समय पर्याप्त पूंजी ‘बफर' रहेगा। दास ने शनिवार को भारतीय स्टेट बैंक के बैंकिंग और इकनॉमिक कान्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि सुरक्षित पूंजी कोष बनाना और पूंजी जुटाना सिर्फ ऋण के प्रवाह सुनिश्चित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इससे वित्तीय प्रणाली भी मजबूत होती है। 

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में यह और महत्वपूर्ण हो जाता है कि बैंक अपने कामकाज के संचालन को सुधारे, अपनी जोखिम प्रबंधन की दक्षता को और धारदार करें। बैंकों के लिए जरूरी है कि वे स्थिति पैदा होने का इंतजार न करें और अग्रिम आधार पर पूंजी जुटाएं।'' दास ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के बैंकों को आगे बढ़कर पर्याप्त पूंजी बफर बनाना चाहिए।

गवर्नर ने कहा कि लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव और लॉकडाउन के बाद वृद्धि दर में गिरावट से बैंकों की पूंजी घटेगी और उनकी गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़ेंगी। ऐसे में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों का पुनर्पूंजीकरण जरूरी हो जाएगा। सरकार ने 2015-16 से 2019-20 के दौरान पांच साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 3.08 लाख करोड़ रुपए डाले हैं। हालांकि, वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में सरकार ने इस तरह की कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है। सरकार उम्मीद कर रही है कि बैंक अपनी जरूरत के हिसाब से बाजार से धन जुटाएंगे।

दास ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को दबाव परीक्षण करने का भी सुझाव दिया जिससे वे अपने बही-खाते पर कोविड-19 के प्रभाव का आकलन कर सकेंगे और संभावित जोखिम से निपटने की योजना बना सकेंगे। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने 19 जून और एक जुलाई को सभी बैंकों, जमा नहीं लेने वाली एनबीएफसी (5,000 करोड़ रुपए तक की संपत्ति वाली बड़ी) और सभी जमा लेने वाली एनबीएफसी को अपने बही-खाते, संपत्ति की गुणवत्ता, तरलता, मुनाफे और पूंजी पर्याप्तता पर कोविड-19 के प्रभाव का आकलन करने की सलाह दी है। गवर्नर ने कहा कि दबाव परीक्षण के नतीजों के बाद बैंक और एनबीएफसी को इससे बचाव के उपाय मसलन पूंजी योजना, पूंजी जुटाना और आकस्मिक तरलता योजना जैसे कदम उठाने होंगे।  

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