चौथी तिमाही में बैंकों में पूंजी डालेगी सरकार

Edited By Supreet Kaur,Updated: 13 Aug, 2018 11:00 AM

banks to raise capital in fourth quarter

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण का अंतिम चरण इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में हो सकता है। केंद्र ने 21 सरकारी बैंकों के लिए 30 सूत्री एक एजेंडा बनाया है जिसे ईज (एनहांस्ड एक्सेस ऐंड सर्विस...

नई दिल्लीः राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण का अंतिम चरण इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में हो सकता है। केंद्र ने 21 सरकारी बैंकों के लिए 30 सूत्री एक एजेंडा बनाया है जिसे ईज (एनहांस्ड एक्सेस ऐंड सर्विस एक्सीलेंस) नाम दिया गया है। पहली बार बैंकों को इस एजेंडे के क्रियान्वयन में उनके प्रदर्शन के आधार पर पैसों का आवंटन किया जाएगा। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने इस एजेंडे के अनुपालन में बैंकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने का जिम्मा बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) को सौंपा है।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीसीजी को दिसंबर तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र यह तय करेगा कि किस बैंक को इस वित्त वर्ष में कितना पैसा दिया जाए। उन्होंने कहा कि अभी बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी है और सभी रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम पूंजी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि आईबीए ने इस वर्ष मई में बोली आमंत्रित की थीं और बीसीजी ने सबसे कम बोली लगाई थी। केंद्र सरकार इस साल पहले ही पंजाब नैशनल, कॉर्पोरेशन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक में 113 अरब रुपए निवेश कर चुकी है लेकिन इसका मकसद इन पांच बैंकों को नियामकीय पूंजी जरूरतों को पूरा करने में मदद करना था। फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहे सरकारी बैंकों को उबारने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल उनमें 2.11 लाख करोड़ रुपए निवेश करने की घोषणा की थी।

सरकार इन बैंकों में 1.53 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगी और बाकी राशि उन्हें खुद ही बाजार से जुटानी होगी। पूनर्पूंजीकरण के पहले चरण की रूपरेखा इस वर्ष जनवरी में घोषित की गई थी। इसके तहत वर्ष 2017-18 के लिए 881 अरब रुपए की राशि घोषित की गई। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने कहा था कि 2018-19 में बैंकों को 650 अरब रुपए ईज कार्यक्रम के अनुपालन में उनके प्रदर्शन के आधार पर मिलेंगे। सभी सरकारी बैंकों ने ईज को लागू करने के लिए अपने बोर्डों से मंजूरी ले ली है। बीसीजी को इस एजेंडे के विभिन्न बिंदुओं के आधार पर बैंकों का मात्रात्मक और गुणात्मक आकलन करने को कहा गया है। सरकार इन बैंकों के प्रदर्शन पर हर साल रिपोर्ट जारी करेगी। 

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