कोरोना संकट से दोगुना होगा बैंकों का NPA, 1.5 लाख करोड़ डालने की तैयारी में सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 May, 2020 02:16 PM

banks will double npa due to corona crisis government in readiness

बैंकिंग सेक्टर का हाल पहले से ही काफी बुरा था लेकिन कोरोना के कारण बैड लोन में भारी इजाफा होने की पूरी संभावना है, सरकार भी इस बात को भली भांति जानती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा के बाद बैंकों से लगातार कह रही हैं...

नई दिल्लीः बैंकिंग सेक्टर का हाल पहले से ही काफी बुरा था लेकिन कोरोना के कारण बैड लोन में भारी इजाफा होने की पूरी संभावना है, सरकार भी इस बात को भली भांति जानती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा के बाद बैंकों से लगातार कह रही हैं कि वे लोन बांटने में दिक्कत ना करें और याद रखें कि इसकी गारंटी सरकार दे रही है। सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बैंकों की माली हालत को देखते हुए इस सेक्टर में 20 अरब डॉलर (करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए) डालने की जरूरत है।

बैड लोन का बोझ दोगुना होने की पूरी संभावना
माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के कारण बैंकों पर बैड लोन का बोझ लगभग दोगुना होने वाला है। एक सूत्र के हवाले से न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने कहा कि पहले सरकार 25 हजार करोड़ रुपए का स्पेशल बजट बैंक री-कैपिटलाइजेशन के बारे में सोच रही थी लेकिन कोरोना संकट इतना गंभीर है कि इसे अब काफी आगे बढ़ा दिया गया है।

डिमांड में तेजी लाने के लिए रिजर्व बैंक लगातार रीपो रेट घटा रहा है और लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए साथ ही साथ रिवर्स रीपो रेट में कटौती की जा रही है। वर्तमान हालात में बैंकों को फ्रेश फंड की सख्त जरूरत है।
 
दूसरी छमाही में अंतिम फैसले की उम्मीद
एक दूसरे सूत्र ने कहा कि कैपिटलाइजेशन का प्लान अभी ठंडे बस्ते में नहीं गया है। संभव है कि सरकार इस दिशा में वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में विचार करे। पिछले दिनों वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा था कि अभी तक जो कदम उठाए गए हैं, वह वर्तमान परिस्थिति को लेकर है। जरूरत के हिसाब से आने वाले दिनों में और महत्वपूर्ण कदम उठाएं जाएंगे। सरकार पूरी गंभीरत से इस दिशा में विचार कर रही है।

सितंबर 2019 में 9.35 लाख करोड़ का NPA
बैंकों के एनपीए की बात करें तो सितंबर 2019 में बैंकों का कुल एनपीए करीब 9.35 लाख करोड़ रुपये था। उस समय यह उनके कुल असेट का 9.1 फीसदी के करीब था। पिछले दिनों रॉयटर्स ने भी अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि कोरोना महामारी के कारण बैड लोन का बोझ उनके कुल असेट का 18-20 फीसदी तक पहुंच सकता है।

GDP घटने का पूरा अनुमान
पूरे देश में करीब दो महीने से लॉकडाउन की स्थिति है जिसके कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। लाखों लोग बेरोजगार भी हुए हैं। तमाम रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि जीडीपी में 5 फीसदी या उससे ज्यादा तक की गिरावट आ सकती है।

 

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