Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Jan, 2019 11:15 AM
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी को प्रभावी तौर पर रोकने के लिए सार्वजनिक बैंकों में कॉरपोरेट संचालन को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
गांधीनगरः रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी को प्रभावी तौर पर रोकने के लिए सार्वजनिक बैंकों में कॉरपोरेट संचालन को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। दास ने दिसंबर में रिजर्व बैंक का गवर्नर बनने के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक भाषण में इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि ब्रेक्जिट से भारतीय कंपनियों के समक्ष दिक्कतें होंगी।
दास ने नौवें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन 2019 में कहा कि रिजर्व बैंक आर्थिक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने की मौद्रिक प्राधिकरण की अपनी भूमिका निभाने को प्रतिबद्ध है। दास ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र तथा भुगतान प्रणाली के नियामक और नियंत्रक होने के नाते रिजर्व बैंक राजकोषीय स्थिरता बनाए रखने और तेज और टिकाऊ आर्थिक वृद्धि के लिए अनुकूल परिस्थितियां तैयार करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय वित्तीय प्रणाली के बढ़ते आकार तथा जटिलता को देखते हुए बैंकों में कॉरपोरेट संचालन को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने हालिया समय के वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये मामले बैंकों में स्वस्थ कॉरपोरेट संचालन के महत्व को रेखांकित करते हैं।
दास ने कहा, ‘‘सरकार, बैंक बोर्ड ऑफ ब्यूरो तथा रिजर्व बैंक अभी प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए रूपरेखा विकसित कर रहे हैं। इसमें पारर्दिशता, जवाबदेही तथा कौशल पर ध्यान देते हुए सार्वजनिक बैंकों में कॉरपोरेट संचालन की रूपरेखा को पुनर्परिभाषित किया जाना चाहिए।’’ रिजर्व बैंक गवर्नर ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के समक्ष आ रही दिक्कतों का जिक्र करते हुए कहा कि संरचनात्मक तौर पर महत्वपूर्ण किसी एनबीएफसी के चूक करने से जोखिम का पता चलता है और इस क्षेत्र के लिए नियामकीय निगरानी को मजबूत करने की जरूरत का भान होता है।