Edited By Supreet Kaur,Updated: 28 Sep, 2018 04:56 PM
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि आयोग राज्यों के बीच बेहतर प्रशासन संचालन के मामले में प्रतिस्पर्धा चाहता है। उन्होंने कहा कि देश को जनसांख्यिकीय विविधता का लाभ मिलना शुरू हो चुका है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘वर्तमान में...
नई दिल्लीः नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि आयोग राज्यों के बीच बेहतर प्रशासन संचालन के मामले में प्रतिस्पर्धा चाहता है। उन्होंने कहा कि देश को जनसांख्यिकीय विविधता का लाभ मिलना शुरू हो चुका है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘वर्तमान में बाजार अर्थव्यवस्था पर आधारित ऐसी कोई आधुनिक सभ्यता नहीं होगी जहां हम समाज में सबसे हाशिए पर रह रहे लोगों का ध्यान नहीं रख सकते हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र के भारत स्थित समन्वयक एवं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के स्थानीय प्रतिनिधि (भारत) यूरी अफनासिएव ने उसी कार्यक्रम में कहा कि भारत आने वाले दशकों में 7-9 फीसदी की दर से वृद्धि करता रहेगा। अफनासिएव ने कहा, ‘‘हमने यह देखा है कि झारखंड और अरुणाचल प्रदेश जैसे पिछड़े राज्यों में गरीबी दूर करने की दर देश के राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।’’ नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि भारत अभी 7.5 फीसदी की दर से आर्थिक वृद्धि कर रहा है और देश की महत्वाकांक्षा अगले तीन दशक इससे भी बेहतर दर से वृद्धि करना है।
कांत ने कहा, ‘‘हमारी महत्वाकांक्षा है कि अगले तीन दशक तक निश्चित तौर पर भारत सगसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहे।’’ कांत ने यह भी जिक्र किया कि भारत पिछले साल के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आर्किषत करने के मामले में शीर्ष तीन देशों में से एक रहा है। भारत और संयुक्त राष्ट्र ने गरीबी एवं शहरीकरण, स्वास्थ्य, जल एवं स्वच्छता तथा पर्यावरण बदलाव पर काम करने के लिए पांच साल की टिकाऊ विकास रूपरेखा पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए।