Edited By Supreet Kaur,Updated: 21 May, 2018 12:59 PM
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने आज कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की रूपरेखा के तहत भूषण स्टील के अधिग्रहण से सार्वजनिक बैंकों के डूबे कर्ज में 35,000 करोड़ रुपए तक की कमी आएगी। कुमार ने ट्वीट में कहा, आईबीसी न्यू इंडिया में ऋण...
नई दिल्लीः वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने आज कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की रूपरेखा के तहत भूषण स्टील के अधिग्रहण से सार्वजनिक बैंकों के डूबे कर्ज में 35,000 करोड़ रुपए तक की कमी आएगी। कुमार ने ट्वीट में कहा, आईबीसी न्यू इंडिया में ऋण को लेकर जारी पुरानी संस्कृति को बदल रहा है। भूषण स्टील मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के एनपीए में करीब 35,000 करोड़ रुपए की कमी आएगी। हर एक सार्वजनिक बैंक के एनपीए में 500 करोड़ रुपए से 10,000 करोड़ रुपए के बीच कमी आएगी।
कुमार ने कहा कि भूषण स्टील के अधिग्रहण से सार्वजनिक बैंक 7,500 करोड़ रुपए के ऋण का बट्टे खाते में डालेंगे, जिन्हें पहले एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया था। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह टाटा समूह ने कर्ज में डूबी भूषण स्टील लिमिटेड में 36,000 करोड़ रुपए में 72.65 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। वित्तीय सेवा सचिव ने आगे कहा कि स्वच्छ ऋण संस्कृति की दिशा में यह एक निर्णायक बदलाव है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह अधिग्रहण को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इस अधिग्रहण से बैंकों के पुराने मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी।