रिजर्व बैंक ने किया विदेशी वाणिज्यिक उधार नीति को सरल , क्षेत्रवार अंकुशों को हटाया

Edited By Isha,Updated: 17 Jan, 2019 12:19 PM

bi eases foreign commercial lending policy

रिजर्व बैंक ने बुधवार को विदेशों से वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) जुटाने के लिये नई नीति जारी की है। इसमें सभी पात्र इकाइयों को स्वत: मंजूरी के रास्ते से विदेशी कोष जुटाने की मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्र पर लगे अंकुशों को भी हटा दिया...

मुंबईः रिजर्व बैंक ने बुधवार को विदेशों से वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) जुटाने के लिये नई नीति जारी की है। इसमें सभी पात्र इकाइयों को स्वत: मंजूरी के रास्ते से विदेशी कोष जुटाने की मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्र पर लगे अंकुशों को भी हटा दिया गया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक सभी पात्र इकाइयां अब प्रत्येक वित्त वर्ष में स्वत: मंजूरी रास्ते से 75 करोड़ डालर अथवा इसके बराबर राशि तक विदेशी वाणिज्यिक उधारी जुटा सकती हैं। यह नियम मौजूदा क्षेत्रवार सीमा के स्थान पर लागू किया गया है।

केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि ईसीबी के नये नियमों में कारोबार सुगमता को और बेहतर बनाने के मद्देनजर किया गया है। रुपये में अंकित बांड और ईसीबी के नये ढांचे को इसी बात को ध्यान में रखते हुये तैयार किया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि ‘‘मौजूदा ईसीबी ढांचे के तहत ट्रैक एक और दो को मिलाकर ‘विदेशी मुद्रा में अंकित ईसीबी’ और ट्रैक- तीन और रुपये में अंकित बांड ढांचे को मिलाकर अब ‘‘रुपये में अंकित ईसीबी’’ में परिर्वितत कर दिया गया है। इस प्रकार मौजूदा चार स्तरीय ढांचे के स्थान पर नई व्यवस्था की गई है। नयी रूपरेखा ढांचा साधन- तटस्थ है।’’

नियमों में कहा गया है कि सभी तरह के ईसीबी के लिये न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि जब तक कि इसके लिये विशेष अनुमति नहीं दी गई हो, तीन साल रखा गया है। इसमें चाहे राशि कितनी भी हो। इसमें कहा गया है कि पात्र उधारकर्ताओं की सूची को पूरी तरह बढ़ा दिया गया है। इसमें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त करने के लिये योग्य सभी इकाइयों को शामिल कर लिया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!