बढ़ सकती है IDBI बैंक के लिए बोली की समयसीमा, अंतिम तारीख एक महीने बढ़ने का अनुमान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Dec, 2022 04:21 PM

bid deadline for idbi bank may be extended last date expected

आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए आरंभिक बोलियां दाखिल करने की समयसीमा में लगभग एक महीने का विस्तार किए जाने की संभावना है। एक सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह बताया। उन्होंने कहा कि अभिरुचि पत्र या आरंभिक बोली दाखिल करने की अंतिम तारीख 16 दिसंबर है...

नई दिल्लीः आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए आरंभिक बोलियां दाखिल करने की समयसीमा में लगभग एक महीने का विस्तार किए जाने की संभावना है। एक सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह बताया। उन्होंने कहा कि अभिरुचि पत्र या आरंभिक बोली दाखिल करने की अंतिम तारीख 16 दिसंबर है जिसे जनवरी तक बढ़ाए जाने की संभावना है। लेनदेन सलाहकारों को समयसीमा में विस्तार के कुछ अनुरोध मिले हैं। सरकार और एलआईसी, आईडीबीआई बैंक में अपनी 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं।

अधिकारी ने बताया कि विदेशी निवेश बैंक नए साल के अवकाश के कारण काम नहीं करेंगे जिसके मद्देनजर समयसीमा में विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा, बोली दाखिल करने की समयसीमा जनवरी महीने की शुरुआत की किसी तारीख तक बढ़ाई जाएगी। सरकार ने आईडीबीआई बैंक में कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर बैंक का निजीकरण करने के लिए सात अक्टूबर को बोलियां आमंत्रित की थीं। सरकार एलआईसी के साथ मिलकर इस वित्तीय संस्थान में यह हिस्सेदारी बेचेगी। इसके लिए बोलियां जमा करने या अभिरुचि पत्र (ईओआई) जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर, 2022 तय की गई थी।

वहीं वित्त मंत्रालय ने इसी हफ्ते स्पष्ट किया कि आईडीबीआई बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण किसी विदेशी बैंक के पास चले जाने की स्थिति में भी बैंक प्राथमिक डीलर के तौर पर बना रहेगा। प्राथमिक डीलर भारतीय रिजर्व बैंक के पास पंजीकृत वे इकाइयां होती हैं जो सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद एवं बिक्री करती हैं। उनके पास सीधे रिजर्व बैंक से सरकारी प्रतिभूतियों की खरीदारी करने और अन्य खरीदारों के बेचने का लाइसेंस होता है। 

दीपम विभाग ने यह स्पष्टीकरण आईडीबीआई बैंक के लिए बोली लगाने के इच्छुक बोलीकर्ताओं की तरफ से आ रही आशंकाओं को दूर करने के लिए दिया है। इसके पहले सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि रणनीतिक बिक्री में किसी विदेशी बैंक के सफल होने पर भी आईडीबीआई बैंक ‘निजी क्षेत्र का भारतीय बैंक’ बना रहेगा। वहीं सरकार ने विदेशी फंड्स और इनवेस्टमेंट फंड्स के कंर्सोर्शियम के द्वारा 51 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी लेने के मामले में भी सफाई दी है और कहा है कि रिजर्व बैंक के प्रतिबंध नए बैंकों पर लागू होते है और ये आईडीबीआई बैंक के मामले में लागू नहीं होते हैं।

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