Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Aug, 2022 06:33 PM
भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद अब देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) ने भी अपने ग्राहकों पर लोन का बोझ बढ़ा दिया है। बैंक ने बाहरी बेंचमार्क और रेपो रेट से जुड़े कर्जों की ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद अब देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) ने भी अपने ग्राहकों पर लोन का बोझ बढ़ा दिया है। बैंक ने बाहरी बेंचमार्क और रेपो रेट से जुड़े कर्जों की ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है।
बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, होम और ऑटो लोन सहित बाहरी बेंचमार्क (EBLR) और रेपो रेट (RLLR) से जुड़े सभी तरह के कर्ज की ब्याज दरें 15 अगस्त से बढ़ गई हैं। इसका सीधा असर ग्राहकों की ईएमआई पर होगा। इससे पहले महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने भी महंगाई पर काबू पाने के लिए रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। एसबीआई ने 15 अगस्त से ही अपने एमसीएलआर में भी 0.20 फीसदी की वृद्धि की है।
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के बाद एक साल की ब्याज दर 7.70 फीसदी हो गई है, जो पहले 7.50 फीसदी थी। इसी तरह, दो साल का एमसीएलआर 7.9 फीसदी और तीन साल का 8 फीसदी हो गया है। अभी बैंक के ज्यादातर लोन एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े हुए हैं।
बाहरी बेंचमार्क से जुड़ रहे ज्यादातर बैंक
आरबीआई के निर्देशों के बाद एसबीआई सहित ज्यादातर बैंकों ने अक्तूबर, 2019 से अपने कर्ज की ब्याज दरों को बाहरी बेंचमार्क या रेपो की ब्याज दरों से जोड़ रहे हैं। यही कारण है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के फैसलों का सीधा असर कर्ज की ब्याज दरों पर पड़ता है। रेपो रेट में पिछले दिनों हुई 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी को सीधे होम लोन और ऑटो लोन में भी जोड़ा जा रहा है।
अब कितनी हो गई ब्याज दर
एसबीआई के 50 आधार अंक की बढ़ोतरी करने के बाद बाहरी बेंचमार्क से जुड़े कर्ज की ब्याज दर यानी EBLR बढ़कर 8.05 फीसदी पहुंच गई है, जबकि रेपो रेट RLLR से जुड़े कर्ज की ब्याज दर 7.65 फीसदी हो गई है। बैंक इसके ऊपर से क्रेडिट रिस्क प्रीमियम भी लेता है यानी अगर आप होम या ऑटो लोन ले रहे हैं तो इस ब्याज दर में क्रेडिट रिस्क प्रीमियम (CRP) भी जुड़ेगा।