पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट, अब सुधार में आई तेजी- वित्त मंत्रालय

Edited By rajesh kumar,Updated: 05 Sep, 2020 03:47 PM

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वित्त मंत्रालय ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लागू हुए लॉकडाउन की वजह से जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट आई है। धीरे धीरे आर्थिक गतिविधियां खुलने से देश की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही है।

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लागू हुए लॉकडाउन की वजह से जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट आई है। धीरे धीरे आर्थिक गतिविधियां खुलने से देश की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही है। मंत्रालय ने अगस्त की समीक्षा करने के बाद कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पहली तिमाही में गिरने के बाद अब तेजी से ऊपर की तरफ जा रही है। 

देश की जीडीपी में गिरावट
देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू किए लॉकडाउन से जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है। दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में जून तिमाही में भारत की जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। 

अर्थव्यवस्था में अन्य देशों का हाल
रिपोर्ट की मानें तो, जून तिमाही में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 9.1 फीसदी की कमी आई है जबकि ब्रिटेन और फ्रांस में क्रमशः 21.7 फीसदी और 18.9 फीसदी की गिरावट रही। वहीं स्पेन, इटली और जर्मनी की अर्थव्यवस्थाओं में 22.1 फीसदी, 17.7 फीसदी और 11.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यूरोप क्षेत्र में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी, जबकि जापान की अर्थव्यवस्था में 9.9 फीसदी की गिरावट रही। रिपोर्ट के अनुसार मजबूत देशों के तुलना में भारत की जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट है जोकि थोड़ी अधिक है।

भारत में मृत्यु दर कम अन्य देशों के मुकाबले
 भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान होने वाली मृत्यु की दर सबसे कम रही है। बात करें तो, 31 अगस्त तक भारत की मृत्यु दर 1.78 फीसदी थी, जबकि अमेरिका में 3.04 फीसदी, ब्रिटेन में 12.35 फीसदी, फ्रांस में 10.09 फीसदी, जापान में 1.89 फीसदी और इटली में 13.18 फीसदी रही है। 

अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही
वहीं, रिपोर्ट में बताया गया है कि देश बड़ी तेजी के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार ला रहा है, जो वाहन बिक्री, ट्रैक्टर बिक्री, उर्वरक बिक्री, रेलवे माल ढुलाई, इस्पात की खपत और उत्पादन, सीमेंट उत्पादन, बिजली की खपत, ई-वे बिल, जीएसटी राजस्व संग्रह, राजमार्गों पर दैनिक टोल संग्रह, खुदरा वित्तीय लेनदेन, विनिर्माण पीएमआई, मुख्य उद्योगों के प्रदर्शन, पूंजी प्रवाह तथा निर्यात जैसे संकेतकों से भी पता चल रहा है। 

भारत का विनिर्माण पीएमआई 50 से ऊपर
भारत का विनिर्माण खरीद प्रबंध सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में 52.2 पर पहुंच गया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब लॉकडाउन के बाद किसी महीने में विनिर्माण पीएमआई 50 से ऊपर रहा है।अब ऐसे में पता चलता है कि विनिर्माण से जुड़ी गतिविधियों में विस्तार हो रहा है। 

 

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