Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Mar, 2018 09:47 AM
सरकार सोने पर बड़ी पॉलिसी की तैयारी कर रही है। इसके लिए गठित वातल कमेटी ने अपने सुझाव सरकार को सौंप दिए हैं। 200 पन्ने की इस रिपोर्ट में 2022 तक लक्ष्य हासिल करने के लिए बड़ा खाका खींचा गया है। रिपोर्ट में देश की जी.डी.पी. में सोने के बाजार का...
नई दिल्ली : सरकार सोने पर बड़ी पॉलिसी की तैयारी कर रही है। इसके लिए गठित वातल कमेटी ने अपने सुझाव सरकार को सौंप दिए हैं। 200 पन्ने की इस रिपोर्ट में 2022 तक लक्ष्य हासिल करने के लिए बड़ा खाका खींचा गया है। रिपोर्ट में देश की जी.डी.पी. में सोने के बाजार का योगदान बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके तहत ज्वैलरी एक्सपोर्ट और रोजगार बढ़ाने का भी मैगा प्लान है। यही नहीं सोने की खपत बढऩे से इकोनॉमी को जो डर है यानी करंट अकाऊंट बढऩे का, उसे भी साधा गया है। बेशक यह रिपोर्ट सोने को सभी बंधनों से मुक्त करके और सुविधाओं के सहारे ज्वैलरी इंडस्ट्री के लिए बड़ी लकीर खींचने की ओर इशारा कर रही है।
वातल कमेटी ने सोने पर सरकार को कई बड़े सुझाव दिए हैं और 2022 तक का लक्ष्य तय करने की सिफारिश की है। इस सिफारिश में जी.डी.पी. में गोल्ड इंडस्ट्री का योगदान बढ़ाने पर जोर देने के साथ ही ज्वैलरी एक्सपोर्ट और रोजगार बढ़ाने का खाका दिया गया है। वातल कमेटी की रिपोर्ट में जी.डी.पी. में गोल्ड इंडस्ट्री का योगदान 3 प्रतिशत करने, ज्वैलरी एक्सपोर्ट 2000 करोड़ डालर तक पहुंचाने और इस सैक्टर में 1 करोड़ रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कई बड़े बदलाव की सिफारिश की गई है। वातल कमेटी के अपनी रिपोर्ट में सोने के लिए अलग एक्सचेंज बनाने, भारतीय गोल्ड कौंसिल बनाने, माइङ्क्षनग को बढ़ावा देकर घरेलू सप्लाई बढ़ाने और सी.ए.डी. पर असर रोकने के लिए एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के सुझाव दिए हैं।