लोन मोरेटोरियम पर आम आदमी को बड़ी राहत, 15 नवंबर तक नहीं लगेगा ब्‍याज पर ब्‍याज

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Oct, 2020 05:06 PM

big relief for common man on loan moratorium interest will not be

लोन मोरेटोरिम मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि मोरेटोरियम सुविधा का फायदा लेने वाले लोगों को 15 नवंबर 2020 तक ब्‍याज पर ब्‍याज नहीं देना होगा। साथ ही कहा कि 15 नवंबर तक किसी का लोन अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट

बिजनेस डेस्कः लोन मोरेटोरिम मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि मोरेटोरियम सुविधा का फायदा लेने वाले लोगों को 15 नवंबर 2020 तक ब्‍याज पर ब्‍याज नहीं देना होगा। साथ ही कहा कि 15 नवंबर तक किसी का लोन अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित नहीं किया जा सकता क्‍योंकि हमने इस पर रोक लगा दी है। इससे पहले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया व बैंकों वकील हरीश साल्‍वे ने मामले की सुनवाई टालने का आग्रह किया। इसके बाद मामले की सुनवाई 2 नवंबर तक टाल दी गई है।

केंद्र को 2 नवंबर तक स्‍कीम पर सर्कुलर जारी करने का निर्देश 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को ब्‍याज पर ब्‍याज माफी स्‍कीम को जल्‍द से जल्‍द लागू करना चाहिए। इसके लिए केंद्र को एक महीने का वक्त क्यों चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा कि अगर सरकार इस पर फैसला ले लेगी तो हम तुरंत आदेश पारित कर देंगे। इस पर सॉलीसीटर जनरल ने कहा कि सभी लोन अलग-अलग तरीके से दिए गए हैं। इसलिए सभी से अलग-अलग तरीके से निपटना होगा। फिर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि ब्याज पर ब्याज माफी स्‍कीम को लेकर 2 नवंबर तक सर्कुलर लाया जाए। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार 2 नवंबर तक ब्‍याज पर ब्‍याज माफी स्‍कीम को लेकर सर्कुलर जारी कर देगी।

क्या है मामला
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाया था। उस समय उद्योग धंधे पूरी तरह बंद थे। इसीलिए कारोबारियों और कंपनियों के लिए कई मुश्किलें खड़ी हो गई। कई लोगों की नौकरियां चली गईं। ऐसे में लोन की किस्तें चुकाना मुश्किल था। ऐसे में रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की सहूलियत दी थी यानी लोन पर किस्तें टाल दी गई थी। किसी लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेते हुए किस्त नहीं चुकाई तो उस अवधि का ब्याज मूलधन में जुड़ जाएगा यानी अब मूलधन+ब्याज पर ब्याज लगेगा। इसी ब्याज पर ब्याज का मसला सुप्रीम कोर्ट में है।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ
इसके पहले 5 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े सभी हलफनामों को 12 अक्‍टूबर तक दाखिल करने का समय दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कोविड-19 के मद्देनजर लोन रीस्‍ट्रक्‍चरिंग पर केवी कामथ सम‍ित‍ि की सिफारिशों के साथ इसे लेकर जारी विभिन्‍न तरह के नोटिफिकेशन और सर्कुलर जमा करने को कहा था। सरकार ने 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर चक्रवृद्धि ब्‍याज माफ करने पर सहमति जताई है। उसने इसका बोझ खुद वहन करने का फैसला किया है।

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