Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Aug, 2018 02:21 PM
पंजाब नेशनल बैंक का जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले बड़े बकाएदारों (विलफुल डिफॉल्टर) का बकाया जु्लाई तक गिरकर 15,175 करोड़ रुपए रह गया। यह इससे पिछले महीने की तुलना में 1.8 प्रतिशत कम है।
नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक का जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले बड़े बकाएदारों (विलफुल डिफॉल्टर) का बकाया जु्लाई तक गिरकर 15,175 करोड़ रुपए रह गया। यह इससे पिछले महीने की तुलना में 1.8 प्रतिशत कम है। इस वर्ग में वे कर्जदार शामिल हैं, जिन पर बैंक का 25 लाख या उससे अधिक का कर्ज बकाया है और समर्थ होते हुए भी कर्ज नहीं चुका रहे हैं।
बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस साल जून के अंत में ऐसे कर्जदारों पर 15,355 करोड़ रुपए का बकाया था। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके सहयोगियों ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ 14,000 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। इसके चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक को 940 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था। डूबे कर्ज में वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक का शुद्ध घाटा 12,283 करोड़ रुपए था, जो कि यह देश में किसी भी बैंक का अब तक का सबसे बड़ा घाटा है।
बैंक ने 2018-19 की जून में समाप्त तिमाही में डूबे कर्ज से 7,700 करोड़ रुपए की वसूली की है। इस दौरान बैंक का सकल एनपीए सकल कर्ज का 18.26 प्रतिशत (82,889 करोड़ रुपए) रहा। सिर्फ पीएनबी से कर्ज लेने वाले बड़े बकाएदारों में विन्सम डायमंड्स एंड ज्वेलरी (899.70 करोड़ रुपए), फोरएवर प्रीशियस ज्वेलरी एंड डायमंड्स (747.97 करोड़ रुपए), जूम डेवलपर्स (410.18 करोड़ रुपए), श्री सिद्धबली इस्पात (165.98 करोड़ रुपए), रामस्वरूप निर्माण वायर्स (148.10 करोड़ रुपए), एस कुमार नेशनवाइड (146.82 करोड़ रुपए) शामिल हैं। इसके अलावा रामस्वरूप इंडस्ट्रिल कॉर्पोरेशन (133.20 करोड़), रामस्वरूप लौह उद्योग (129.34 करोड़ रुपए) महुआ मीडिया (104.86 करोड़ रुपए), केजी कॉर्पोरेशन (98.92 करोड़ रुपए और विशाल एक्सपोर्ट्स ओवरसीज (98.39 करोड़) भी शामिल हैं।
विभिन्न बैंकों के कंसोर्टियम (समूह) के माध्यम से पीएनबी से कर्ज लेने वालों में कुडोस केमी (1,301.82 करोड़ रुपए), किंगफिशर एयरलाइंस (597.44 करोड़ रुपए), जस इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड पावर (410.96 करोड़ रुपए), वीएमसी सिस्टम्स (296.8 करोड़ रुपए), एमबीएस ज्वेलर्स (266.17 करोड़ रुपए), अरविंद रेमेडीज (158.16 करोड़ रुपए) और आईसीएसए (इंडिया) लिमिटेड (134.76 करोड़ रुपए) शामिल हैं। इसके अलावा भिवानी इंडस्ट्रीज पर 106.66 करोड़ रुपए, तुलसी एक्सट्रूशन पर 175.40 करोड़ रुपए, विभा एग्रोटेक पर 125 करोड़ रुपए, इंदु प्रोजेक्ट्स पर 102.83 करोड़ रुपए, बीबीएफ इंडस्ट्रीज पर 100.99 करोड़ रुपए, रुपाना पेपर मिल्स पर 100.49 करोड़ रुपए का बकाया है।