2020 में लागू होगा BS-6 मानक, दुविधा में पड़ी ऑटो कंपनियां

Edited By Supreet Kaur,Updated: 24 May, 2018 11:37 AM

bs6 standard will be implemented in 2020 auto companies in tension

उत्सर्जन मानक बीएस-6 के लागू होने में अब 24 महीने से भी कम समय रह गया है लेकिन वाहन निर्माता कंपनियां अब भी दुविधा में फंसी हैं। वाहन कंपनियों के उत्पादन और शोध एवं विकास विभाग इस व्यापक तकनीकी बदलाव की तैयारी में जुटे हुए हैं लेकिन उनके सामने...

नई दिल्लीः उत्सर्जन मानक बीएस-6 के लागू होने में अब 24 महीने से भी कम समय रह गया है लेकिन वाहन निर्माता कंपनियां अब भी दुविधा में फंसी हैं। वाहन कंपनियों के उत्पादन और शोध एवं विकास विभाग इस व्यापक तकनीकी बदलाव की तैयारी में जुटे हुए हैं लेकिन उनके सामने समस्या यह है कि वे 2019 के लिए प्रस्तावित बीएस-4 मॉडल उतारें या फिर बीएस-6 मॉडल। मांग के किस तरफ जाने की उम्मीद है? क्या खरीदार बीएस-6 मॉडल की भारी मांग के कारण कीमत बढऩे की संभावना को देखते हुए अग्रिम खरीद करेंगे या फिर उत्सर्जन के नए मानक लागू होने तक खरीदारी को टाल देंगे?

बीएस-6 वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी इस बात पर निर्भर करेगी कि उसमें कौन सा ईंधन इस्तेमाल होगा और उसकी बॉडी कैसी होगी? इन मॉडलों की कीमतें 25 हजार से लेकर 1.5 लाख रुपए तक बढ़ सकती हैं। माना जा रहा है कि पेट्रोल वाहन की तुलना में डीजल वाहन की कीमत ज्यादा बढ़ सकती है। सरकार की वाहन ईंधन नीति के मुताबिक भारत में एक अप्रैल 2020 से बीएस-6 उत्सर्जन मानक लागू होंगे जिससे देश के वाहन बाजार की शक्ल हमेशा के लिए बदल जाएगी। फिलहाल देश में बीएस-4 मानक ही लागू हैं। कंपनियों को जनवरी-फरवरी 2020 से बीएस-4 वाहनों का उत्पादन बंद करना होगा क्योंकि 31 मार्च 2020 के बाद उन वाहनों की बिक्री नहीं की जा सकेगी।

अधिकांश कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने स्वीकार किया कि उनके सामने लक्ष्यों को लेकर दुविधा बनी हुई है लेकिन किसी के पास भी इस स्थिति से निपटने के लिए कोई पुख्ता योजना नहीं दिख रही है। वैसे देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी के चेयरमैन आर सी भार्गव कहते हैं, 'मेरे हिसाब से  वर्ष 2019 की दूसरी छमाही में आने वाली कार बीएस-6 मानक से लैस होनी चाहिए क्योंकि आप समयसीमा खत्म से कुछ महीने पहले बीएस-4 कार नहीं उतार सकते।कंपनियों को इस बारे में अपनी रणनीति बनानी होगी।' लेकिन इस राह में समस्या यह है कि अगर कंपनियां समय से पहले बीएस-6 मॉडल उतारती हैं तो फिर उन्हें पूरे देश में उस मानक वाला ईंधन नहीं मिल पाएगा। भार्गव कहते हैं, 'आप बीएस-6 कार को बीएस-4 ईंधन पर नहीं चला सकते हैं। ऐसे में मालूम नहीं है कि चीजें कैसे काम करेंगी?' टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उपाध्यक्ष शेखर विश्वनाथन भी भार्गव की राय से सहमत हैं।

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