Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jul, 2018 04:49 PM
प्रमुख शेयर बाजार बीएसई तथा एनएसई ने वर्गीकृत निगरानी उपायों (जीएसएम) के तहत प्रतिभूतियों को छांटने और उसकी समीक्षा के लिए एक विस्तृत मसौदा पेश किया है।
नई दिल्लीः प्रमुख शेयर बाजार बीएसई तथा एनएसई ने वर्गीकृत निगरानी उपायों (जीएसएम) के तहत प्रतिभूतियों को छांटने और उसकी समीक्षा के लिए एक विस्तृत मसौदा पेश किया है। इसके तहत निवेशकों को ऐसे शेयरों में कारोबार को लेकर अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
दोनों शेयर बाजारों ने अलग-अलग परिपत्रों में कहा कि शेयर बाजारों की सेबी के साथ संयुक्त निगरानी बैठक के बाद ये अतिरिक्त दिशानिर्देश जारी किए गए। नए मानदंड के तहत जिन कंपनियों का नेटवर्थ 10 करोड़ रुपए से कम या उसके बराबर है और शुद्ध स्थिर संपत्ति 25 करोड़ रुपए से कम या उसके बराबर है, इनके शेयर जीएसएम मसौदे में शामिल किए जाने के पात्र होंगे। साथ ही जिन प्रतिभूतियों का कीमत आय (पीई) नकारात्मक हो, उसे इसमें शामिल किया जा सकता है।
शेयर बाजारों के अनुसार जिन कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 25 करोड़ रुपए से कम है, उन्हें सीधे जीएसएम चरण-एक में शामिल किया जा सकता है। जीएसएम मसौदे का मकसद शेयरों के भाव में उछाल पर लगाम लगाना है जो कंपनी के वित्तीय हालत से मेल नहीं खाता। मसौदे में 6 चरण हैं। प्रत्येक चरण के लिए निगरानी कार्रवाई का उल्लेख किया गया है।