Edited By Yaspal,Updated: 22 Apr, 2019 11:34 PM
संकट में जूझ रही दूरसंचार विभाग की सरकारी कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने मसौदा भेजा गया है। दोनों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना को लागू करने के बारे....
नई दिल्ली: नकदी संकट में जूझ रही दूरसंचार विभाग की सरकारी कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने मसौदा भेजा गया है। दोनों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना को लागू करने के बारे में परामर्श के लिए कैबिनेट नोट का मसौदा कई मंत्रालयों को भेजा है।
एक अधिकारी ने कहा है कि विभाग ने इन प्रस्तावों पर विभिन्न मंत्रालय से उनकी टिप्पणियां मांगी हैं। इस पर कुछ प्रमुख मंत्रालयों से टिप्पणियां मिलने का इंतजार है। दूरसंचार कंपनियों में बीएसएनएल पर सबसे कम 14,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। कंपनी ने पूरे देश के लिए सरकार से 7,000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश के माध्यम से 4जी स्पेक्ट्रम मांगा है। कंपनी को 4जी स्पेक्ट्रम की लागत 14,000 करोड़ रुपये पड़ेगी।
दोनों सरकारी कंपनियों पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन का बोझ ज्यादा है क्योंकि इनके गठन के समय बड़ी संख्या में दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को इनमें भेजा गया था। देशभर में बीएसएनएल के कर्मचारियों की संख्या 1.76 लाख और एमटीएनएल की 22,000 है। दोनों कंपनियों ने गुजरात मॉडल के आधार पर अपने कर्मचारियों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए कहा है। गुजरात मॉडल के तहत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मचारी को उसकी अब तक की सेवा के प्रत्येक वर्ष के हिसाब से हर साल के 35 दिन और बची हुई सेवा के सालों के लिए हर साल के 25 दिन के हिसाब से वेतन दिया जाता है।