Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jan, 2018 09:42 AM
नारेडको ने रियल एस्टेट पर जीएसटी को और अधिक तर्कसंगत बनाए जाने और खास कर सबसे लिए मकान के लक्ष्य के मद्देनजर सस्ते आवास योजनाओं के लिए कर्ज आदि की शर्तें अधिक अनुकूल बनाए जाने की संभावना है। सरकार ने 2022 तक सबके लिए आवास का महत्वाकांक्षी लक्ष्य...
नई दिल्लीः नारेडको ने रियल एस्टेट पर जीएसटी को और अधिक तर्कसंगत बनाए जाने और खास कर सबसे लिए मकान के लक्ष्य के मद्देनजर सस्ते आवास योजनाओं के लिए कर्ज आदि की शर्तें अधिक अनुकूल बनाए जाने की संभावना है। सरकार ने 2022 तक सबके लिए आवास का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। आवास एवं जमीन जायदाद विकास क्षेत्र से जुड़े संगठनों ने सरकार से इस क्षेत्र को कर में सहूलियत और कर्ज सस्ता करने के सुझाव दिए हैं। रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) अधिनियम-2016 के प्रावधानों को लागू किए जाने और नोटबंदी के प्रभावों से अब भी निकलने के लिए संघर्ष कर रहे इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले बजट में किफायती दर के मकानों की परियोजनाओं को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्ज दिया था।
इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेतली ने मध्य आय वर्ग के मकानों पर ब्याज सहायता योजना की घोषणा की थी। यह उद्योग बिक्री और कीमतों में नरमी का सामना कर रहा है। इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि आवास एवं जमीन जायदाद विकास क्षेत्र रोजगार की दृष्टिृ से महत्वपूर्ण है। ऐसे में उम्मीद है के चुनावों से पूर्व अपने आखिरी बजट में वित्त मंत्री इस क्षेत्र को करों और पूंजी की दृष्टिृ से कुछ प्रोत्साहन दे सकते हैं। उद्योग को उम्मीद है कि बजट 2018-19 में एमआईजी आवास परियोजनाओं की विकासकर्ता कंपनियों को भी बुनियादी ढ़ाचा विकासकर्ताओं की तरह आयकर का लाभ दिया जा सकता है। वित्त मंत्री से आवास ऋण के ब्याज भुगतान पर मिल रही कर कटौती की सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।